रामायण व महाभारत की कहानियां इण्डोनेशियाई लोक कला का स्त्रोत : देवनानी

जयपुर, 13 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि भारत और इण्डोनेशिया के मध्य साझा सांस्कृतिक विरासत होने के साथ व्यापारिक संबंध भी प्रगाढ़ हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों में सांस्कृतिक व वाणिज्यिक संबंध की घनिष्ठता बहुत समय से है। रामायण व महाभारत की कहानियां इण्डोनेशिया में लोक कला व नाटकों का स्त्रोत है।

देवनानी ने कहा कि साझा सांस्कृतिक विरासत, औपनिवेशिक इतिहास और राजनीतिक सम्प्रंभुता दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर एकीकृत प्रभाव डालते हैं। देवनानी ने बुधवार को सिंगापुर रवाना होने से पहले बाली में भारत के महावाणिज्य दूतावास में आयेाजित समारोह में भारत और इण्डोनेशिया के लोगों को संबोधित किया। वहां लोगों ने देवनानी का सम्मान किया। देवनानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों में एक नये युग की शुरूआत हुई है। नई व्‍यापक रणनीतिक साझेदारी से विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों का सहयोग बढा है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के मध्य नियमित रूप से संसदीय आदान-प्रदान भी होते है।

विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि रामायण व महाभारत की कहानियां इंडोनेशिया में नाटक व लोक कला का स्रोत है। यहां भारतीय संगीत, नृत्य कला के साथ-साथ योग को भी बढावा दिया जा रहा है। भारत के अनेक ग्रंथों पर यहां सांस्कृतिक शोध होता है। भारतीय संस्कृति व चिंतन यह रचा-बसा हुआ है। देवनानी के सम्मान में बाली में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। देवनानी का काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया शशांक विक्रम ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। देवनानी ने दूतावास का अवलोकन किया और अधिकारियों से परिचय लिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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