चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामला: सीबीआई जांच की मांग को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट पहुंची पत्नी किरण नेगी, याचिका दाखिल

शिमला, 21 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल पावर कॉरपोरेशन के मुख्य अभियंता रहे विमल नेगी की रहस्यमयी मौत मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। मृतक की पत्नी किरण नेगी ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग करते हुए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। किरण नेगी ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें राज्य पुलिस व एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं है और अब तक की जांच से वह असंतुष्ट हैं।

याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने विमल नेगी की मौत को पहले ही आत्महत्या करार दे दिया जबकि अभी इस मामले की गहराई से जांच भी नहीं हुई है। उन्होंने हाईकोर्ट से अनुरोध किया है कि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए इसे सीबीआई को सौंपा जाए।

गौरतलब है कि एचपीपीसीएल के मुख्य अभियंता विमल नेगी 10 मार्च से लापता थे और 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर के गोबिंदसागर झील से बरामद हुआ था। इसके बाद उनकी पत्नी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पावर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा, निदेशक देसराज और अन्य अधिकारियों पर गंभीर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए थे।

पत्नी की शिकायत के आधार पर न्यू शिमला पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई जिसमें एमडी हरिकेश मीणा और तत्कालीन निदेशक देशराज को नामजद किया गया है। इसके बाद शिमला के एसपी संजीव गांधी के नेतृत्व में सात सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया।

एसआईटी ने अब तक की जांच में निलंबित निदेशक देशराज का मोबाइल जब्त कर लिया है और केस से जुड़े अन्य साइंटिफिक सबूतों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। इसके अलावा टीम ने विमल नेगी का लैपटॉप और सीसीटीवी फुटेज भी कब्जे में ले ली है। फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है जो इस मामले की कड़ियों को जोड़ने में मदद कर सकती है।

जानकारी अनुसार एसआईटी अब मंगलवार को एक बार फिर निलंबित निदेशक देशराज, पूर्व एमडी हरिकेश मीणा, प्रोजेक्ट मैनेजर विपिन गुलेरिया और मनीष चौधरी से पूछताछ करेगी। पुलिस इन सभी से पूर्व में भी पूछताछ कर चुकी है और अब उनके बयानों को क्रॉस वेरिफाई किया जा रहा है।

विमल नेगी के ड्राइवर के बयान इस केस में अहम माने जा रहे हैं। ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि उन्होंने नेगी को अंतिम बार शिमला के कार्ट रोड पर लिफ्ट के पास छोड़ा था जहां उन्होंने अपना लैपटॉप, चाबियां और डायरी ड्राइवर को सौंप दी थीं। पुलिस ने ये सभी सामान जब्त कर लिया है और ड्राइवर के बयान को दर्ज कर सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

शिमला के एसपी संजीव गांधी का कहना है कि हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है और उम्मीद है कि आगामी 8-10 दिनों में केस की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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