'वेस्ट बंगाल फार्मास्यूटिकल्स' पर सवाल, रिंगर्स लैक्टेट के 16 बैच गुणवत्ता जांच में फेल

कोलकाता, 4 मार्च (हि.स.) ।

सिलिगुड़ी की निजी दवा निर्माता कंपनी 'वेस्ट बंगाल फार्मास्यूटिकल्स' के रिंगर्स लैक्टेट (सलाइन) के 16 बैच गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो गए हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जनवरी माह की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि इन बैचों की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है और ये नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी की श्रेणी में आते हैं।

सीडीएससीओ ने जनवरी में देशभर से 145 दवाओं के बैच की जांच की थी। इसमें से 93 बैच अलग-अलग राज्यों की लैब में और 52 बैच केंद्र सरकार की विभिन्न लैब में परीक्षण के दौरान असंतोषजनक पाए गए। इन्हीं में सिलिगुड़ी की इस कंपनी का रिंगर्स लैक्टेट भी शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, इस सलाइन के 16 बैच दो अलग-अलग परीक्षण में अस्वीकृत हुए, जिनमें इनके जीवाणुरहित होने पर सवाल खड़े किए गए हैं।

सीडीएससीओ की रिपोर्ट के अनुसार, केवल रिंगर्स लैक्टेट ही नहीं, बल्कि टेल्मा एएम (बैच नंबर 5240367) और ऑन्डेम-4 (बैच नंबर 24441451) जैसी दवाओं के बैच भी मानक गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे।

गौरतलब है कि बाजार में बिक रही दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सीडीएससीओ हर महीने विभिन्न राज्यों से नमूने इकट्ठा कर जांच करता है। परीक्षण के दौरान दवाओं के बैच के हर पहलू की बारीकी से जांच की जाती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल यह रिपोर्ट केवल उन विशेष बैचों के लिए मान्य है, जिनकी जांच में खामी पाई गई है। इससे संबंधित कंपनियों के अन्य बैचों की दवाओं की गुणवत्ता पर सीधा असर नहीं माना जा सकता, लेकिन इस तरह की रिपोर्ट आने के बाद निगरानी बढ़ाई जाती है और जरूरत पड़ने पर अन्य बैचों की भी जांच की जाती है।

इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की नजरें भी इस रिपोर्ट पर टिक गई हैं, ताकि आम लोगों को प्रभावित करने वाली दवाओं की गुणवत्ता पर सख्ती बरती जा सके।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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