क्या जम्मू कश्मीर के सभी दल अकेले लड़ेंगे चुनाव

जम्मू, 17 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2014 के बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे है। ऐसे में जाहिर है कि लोगों में मन में अपनी चुनी हुई सरकार को लेकर काफी सपनें होंगे। क्योंकि धारा 370 हटने के बाद बदले माहौल के बीच नए जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा। जनता के लिए यह चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण होगा। लेकिन राजनीतिक दलों के लिए यह चुनाव काफी चुनौतियों भरा होगा क्योंकि जो लोकसभा चुनावों तक गठबंधन में थे वो आज अकेले चुनाव लड़ने का मन बना रहे है। जबकि खुलकर किसी भी दल ने किसी के साथ गठबंधन करने का कोई विचार व्यक्त तक नहीं किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तो इसे लेकर संकेत भी दे चुके है कि किसी भी दल के साथ फिलहाल मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना काफी कम है। दूसरी तरफ भाजपा के साथ प्रॉक्सी रूप से मिलकर चुनाव लड़ने वाले भी इस बार अपनी आंखें तरेरे हुए है। जबकि अब तो लोकतंत्र व संविधान में आस्था न जताने वाले अलगाववादी चेहरों के भी मैदान में उतरने की को आतुर दिख रहे है। संभावना यह जताई जा रही है कि भाजपा, कांग्रेस, नेकां, पीडीपी, अपनी पार्टी व डीपीएपी अकेले चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। वहीं, दूसरी तरफ परिसीमन के बाद करीब करीब तमाम विधानसभा सीटों का सीमांकन बदल गया। कई इलाके काटकर नए विधानसभा से जोड़े गए। इससे चुनावी समीकरण सभी दलों के गड़बड़ाया हुआ हैं। खासकर घाटी में कई दिग्गजों के विधानसभा हलके में बदलाव आ गया है। ऐसे में उनके समक्ष कई चुनौतियां होंगी। हालांकि अभी तक किसी भी दल ने अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं है अलबत्ता सभी दल संभावित प्रत्याशियो की सूची में जरूर व्यस्त है। अब देखना यह है कि यह सूचियां सार्वजनिक होने में कितना समय लेती है।

हिन्दुस्थान समाचार / Ashwani Gupta / बलवान सिंह

   

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