
समाधान समिति ने सिखाए आत्मनिर्भरता के मंत्र
बैंकों को एक हफ्ते में वितरण का अल्टीमेटम
मीरजापुर, 10 मई (हि.स.)। अगर आपके पास हुनर है और हिम्मत है कुछ अपना करने की, तो अब इंतजार मत कीजिए— शनिवार को विकास भवन के ऑडिटोरियम में कुछ ऐसे ही जज्बे के साथ जुटे थे जिले भर के युवा। मौका था युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत आयोजित विशेष कैंप और कार्यशाला का, जहां स्वरोजगार के सपने को साकार करने की राह दिखाई गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार ने कहा—अब वक्त है सिर्फ योजना जानने का नहीं, बल्कि उसका लाभ उठाने का। हम हर पात्र युवक तक योजना का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे।
इस दौरान 'कम युवा अभियान' की तकनीकी एजेंसी समाधान समिति ने प्रजेंटेशन के जरिए युवाओं को बताया कि आवेदन कैसे भरें, प्रोजेक्ट रिपोर्ट कैसे बनाएं, सप्लायर कहां से ढूंढें और कैसे ऑनलाइन ट्रेनिंग ली जा सकती है।
बैंकों के साथ सीधी बातचीत, फाइल अटकाने पर फटकार
कार्यशाला की खास बात रही ‘क्रॉस टेबल चर्चा’, जहां एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक, एचडीएफसी जैसे सभी प्रमुख बैंकों के शाखा प्रबंधकों को आमने-सामने आवेदकों के सवालों का सामना करना पड़ा।
कुछ युवाओं ने कहा कि हमने कई बार बैंक से संपर्क किया लेकिन जवाब नहीं मिला।
किसी ने प्रक्रिया की पेचीदगियों की शिकायत की। इस पर सीडीओ ने दो टूक कहा—स्वीकृत आवेदनों का वितरण एक हफ्ते में हर हाल में हो और लंबित मामलों को एक दिन के भीतर निस्तारित किया जाए। उनकी सख्ती से बैंकों को चेतावनी भी मिली और युवाओं को उम्मीद भी।
फॉर्म वहीं भरवाया, कोटेशन भी वहीं मिला
कार्यक्रम को तकनीकी रूप से भी मजबूत बनाया गया था। उद्योग विभाग ने ऑनलाइन फॉर्म भरवाने की व्यवस्था की, जहां लैपटॉप लेकर ऑपरेटर मौजूद थे। युवाओं को वहीं पर आवेदन भरने, दस्तावेज स्कैन करने और कोटेशन लेने की सुविधा मिली।
वहीं, मशीनरी और उपकरण आपूर्ति करने वाले वेंडर्स के स्टॉल ने मौके को और व्यावहारिक बना दिया।
सिर्फ कागज़ न हो, कार्रवाई हो — संयुक्त आयुक्त उद्योग
संयुक्त आयुक्त शाहिद ने युवाओं को फॉर्म भरते समय जरूरी बातों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दस्तावेज पूरे रखें, ट्रेनिंग में हिस्सा लें, तभी योजना का असली फायदा मिलेगा।
उम्मीद की किरण, आत्मनिर्भर भारत की ओर मीरजापुर
कार्यक्रम में जिला विकास अधिकारी, कौशल विकास मिशन, ग्रामोद्योग विभाग समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। अंत में सीडीओ ने भरोसा दिलाया कि यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक मुहिम है आत्मनिर्भर भारत की ओर मिर्जापुर को आगे बढ़ाने की।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा