
सिरसा, 18 अप्रैल (हि.स.)। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शुक्रवार को अक्षय तृतीया पर संभावित बाल विवाहों पर रोकथाम को लेकर गुरुद्वारा कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक की गई। बाल विवाह निषेध अधिकारी रेखा अग्रवाल ने बताया कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत देश को बाल विवाह की सामाजिक बुराई से मुक्त कराना लक्ष्य है। इसके लिए आमजन को बाल विवाह से संबंधित कानूनों की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है ताकि वे इस कुप्रथा के खिलाफ आवाज उठा सकें।
उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसे आयोजनों में बाल विवाह के मामले सामने आते हैं। समय से पहले विवाह विशेष रूप से लड़कियों के स्वास्थ्य, शिक्षा और समग्र विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए निरंतर अभियान चलाए जा रहे हैं और टीमों द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन बड़ी संख्या में शादियां होती हैं और ऐसे में बाल विवाह की आशंका भी ज्यादा है। इसे रोकने के लिए सभी को सतर्क रहने की जरूरत हैं। शादी से पहले यह सुनिश्चित करें कि लडक़ी की आयु 18 वर्ष या अधिक और लडक़े की आयु 21 वर्ष या अधिक हो। उन्होंने बताया कि आधार कार्ड आयु सत्यापन के लिए मान्य दस्तावेज नहीं है, बल्कि जन्म प्रमाण पत्र या स्कूल प्रमाण पत्र ही अधिकृत दस्तावेज माने जाएंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma