देश की आजादी में महिलाओं ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: लक्ष्मण आचार्य

— नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयन्ती पर असम के राज्यपाल ने महिला सशक्तिकरण एवं स्त्री गाथा सत्र का किया उद्घाटन

बोले वक्ता—विश्व की पहली महिला सेना नेताजी सुभाष ने बनाई थी,उनका सपना अब साकार हो रहा

वाराणसी,22 जनवरी (हि.स.)। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती के उपलक्ष्य में विशाल भारत संस्थान की ओर से लमही स्थित सुभाष मन्दिर सभागार में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सुभाष महोत्सव में बुधवार को असम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य शामिल हुए। महोत्सव में राज्यपाल ने सुभाष मन्दिर में पुष्प अर्पित कर एवं मशाल जलाकर महिला सशक्तिकरण एवं स्त्री गाथा सत्र का शुभारम्भ किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हमारा देश सदियों से जगतगुरु रहा है। हमारे समाज में अस्पृश्यता, स्त्री-पुरुष भेदभाव जैसी चीजें नहीं थी। यत्र नारयस्तु पूजयनते तत्र रमनते देवता, सर्वे भवन्तु सुखिनः, वसुधैव कुटुम्बकम जैसी विचारधारा को मानने वाला देश है। या देवी सर्व भूतेषु जैसी अवधारणा को मानने वाला देश रहा है। उन्होंने कहा कि ज्ञान की देवी मां सरस्वती, कामाख्या देवी, दुर्गा माता, भारत माता हमारी मां हैं। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस हमेशा से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये सेना में भर्ती, शिक्षा, संस्कार, आत्म निर्भरता के माध्यम से देश के लिये कार्य किया।

राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि आजादी के समय नेताजी ने कहा था कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा। यह सिर्फ पुरुषों के लिए नहीं था बल्कि महिलाओं के लिए भी था। 1943 में स्थापित रानी झांसी रेजिमेंट नेताजी के समानता और देशभक्ति के विचारों का जीवंत प्रमाण थी। रानी झांसी रेजिमेंट ने यह संदेश दिया कि महिलाओं की भागीदारी भारत की आजादी में उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी पुरुषों की। सुभाष ने भारतीय समाज में महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी भूमिका को बढ़ावा देने का जो काम किया जाे इतिहास के लिये मील का पत्थर है। राज्यपाल ने कहा कि नारी शक्ति को सशक्त बनाने का जो सपना सुभाष चंद्र बोस ने देखा था आज वह पूरा हो रहा है।

महोत्सव की अध्यक्षता करते हुए न्यायाधीश नेहा सिंह ने कहा कि जब महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल सकती थीं, उस समय नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने उन पर भरोसा कर भारत को आजाद कराने का महत्वपूर्ण दायित्व दिया था। हमारे देश की महिलाओं ने आजादी की लड़ाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। महिलाएं जन्म से ही शक्तिशाली होती हैं। आवश्यकता इस बात की है कि महिलाएं अपनी शक्ति को पहचाने।

विषय प्रस्तावना विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजीव श्रीवास्तव ने किया। महोत्सव में बाल आजाद हिन्द बटालियन की सेनापति दक्षिता भारतवंशी ने राज्यपाल को सलामी देकर सुभाष के इतिहास को जीवंत कर दिया। खचाखच भरे हाल में जब जय हिन्द, जय सुभाष के नारे गूंजे तो पूरा वातावरण सुभाष मय हो गया। कार्यक्रम में संस्थान की ओर से राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य को मानवता के नायक की उपाधि से विभूषित किया गया। महंत बालक दास ने शॉल ओढ़ाकर राज्यपाल का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव डॉ० अर्चना भारतवंशी और धन्यवाद डॉ० नजमा परवीन ने दिया। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक शिशिर सिंह, डॉ मृदुला जायसवाल, नाजनीन अंसारी, ज्ञान प्रकाश, नौशाद अहमद दूबे, कुंअर नसीम रजा सिकरवार, डॉ० कवीन्द्र नारायण, विवेकानन्द सिंह, अनन्त अग्रवाल, शंकर पाण्डेय, शिवशरण सिंह, सत्यम राय, डॉ भोला शंकर, मयंक श्रीवास्तव आदि भी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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