सीकर रोड पर बीआरटीएस कोरिडोर हटाने का काम शुरू, 50 मीटर तक हटाई रेलिंग सहित अन्य निर्माण

जयपुर, 19 अप्रैल (हि.स.)। गुलाबी नगरी में बने बीआरटीएस कोरीडोर को हटाने का काम जेडीए ने शनिवार को शुरू कर दिया है। शनिवार को जेडीए ने सीकर रोड पर करीब 50 मीटर की दूरी में बीआरटीएस कोरीडोर के निर्माण को हटा दिया। रविवार को मिलिंग मशीन आने के साथ ही डिवाइडर बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि सोमवार से सीकर रोड पर नए सिरे से डिवाइडर बनाने का काम शुरू हो जाएगा। सीकर के रोड के बाद जल्द ही न्यू सांगानेर रोड पर बने बीआरटीएस कोरीडोर को भी हटाने का काम शुरू होगा।

गौरतलब है कि केंद्र में यूपीए सरकार के समय जवाहरलाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत 170 करोड़ रुपए की लागत से सीकर रोड और न्यू सांगानेर रोड पर बीआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण किया गया था। हांलाकि जेएनएनयूआरएम के तहत राजधानी में बीआरटीएस कोरिडोर के लिए 479.55 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी लेकिन इस राशि से अजमेर रोड और टोंक रोड पर दुर्गापुरा में एलिवेटेड रोड का भी निर्माण किया गया था। वर्ष 2010 में सीकर रोड पर और वर्ष 2015 में अजमेर रोड पर जितना कोरिडोर बना था, उस पर बसों का संचालन शुरू किया गया, लेकिन प्रभावी मॉनिटरिंग के अभाव में इस कॉरिडोर में शहरी परिवहन की बसों के साथ अन्य वाहन भी चलने लग गए। वहीं स्थानीय जन संगठन लम्बे समय से इस कॉरिडोर का हटाने की मांग कर रहे थे। 7.1 किलोमीटर लम्बाई में सीकर रोड पर एक्सप्रेस-वे से अम्बाबाड़ी तक और 9 किलोमीटर लम्बाई में अजमेर रोड से किसान धर्म कांटा होते हुए न्यू सांगानेर रोड बी-2 बायपास तिराहा तक कोरिडोर बनाया गया था। इसके साथ ही दो सौ फीट बायपास से लेकर अजमेर रोड एलिवेटेड तक दो किलोमीटर की लंबाई में यह कोरिडोर बनाया गया। जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की ओर से इस कोरिडोर पर पर्याप्त संख्या में बसें नहीं चलाई गई। 20 अगस्त 2009 को राज्य सरकार ने फैसला किया कि 45 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर ही बीआरटीएस कोरिडोर बनाया जाएगा। मौजूदा सरकार में केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संगठन (सीआरआरआई) से बीआरटीएस को लेकर स्टडी कराई गई।

जेडीसी आनंदी की अध्यक्षता में जेडीए की कार्यकारी समिति की इस वर्ष 7 जनवरी को बैठक हुई। बैठक में बीआरटीएस कोरिडोर हटाने या नहीं हटाने को लेकर विचार विमर्श किया गया। इसके बाद जाकर इस कोरिडोर को हटाने का फैसला किया गया है। कार्यकारी समिति के इस फैसले को स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को भेजा गया। राज्य सरकार ने बीआरटीएस कोरिडोर हटाने की जेडीए को स्वीकृति दे दी है।

एक्सईएन अमृत सिंह ने बताया कि सीकर रोड पर बीआरटीएस कोरीडोर हटाने का काम शुरू कर दिया है। नए निर्माण के लिए जल्द ही निविदाएं आमत्रिंत की जाएगी। इसके बाद इसका नए से निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। शनिवार को 50 मीटर कोरीडोर हटा दिया गया। रविवार को मिलिंग मशीन आने की उम्मीद है। उसके आने के बाद मीडियन बनाने का काम शुरू किया जाएगा। रोड नम्बर 12 से बीआरटीएस कोरीडोर हटाना शुरू किया है।

अजमेर रोड पर बनेगा अंडरपास

दरअसल, अजमेर रोड 200 फीट चौराहे पर बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए एनएचएआई द्वारा अंडरपास बनाने की योजना है। इस अंडरपास के निर्माण से अजमेर रोड स्थित बीआरटीएस कॉरिडोर 1 किलोमीटर में खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही एनएचएआई की सीकर रोड पर भी अंडरपास बनाने की योजना है। जिसके बाद सीकर रोड का बीआरटीएस कॉरिडोर 1.2 किमी की लंबाई में खत्म हो जाएगी। इससे पहले झोटवाड़ा एलिवेटेड रोड के निर्माण और पानीपेच से राव शेखा सर्किल तक पहले ही बीआरटीएस कॉरिडोर खत्म हो चुका है।

पूर्व मंत्री ने बताया था मौत का कुआं

इससे पहले पूर्व कांग्रेस सरकार में तत्कालीन परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कॉरिडोर को मौत का कुआं बताते हुए हटाने का फैसला किया था। लेकिन तब यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल नहीं माने थे। उस वक्त उन्होंने तर्क दिया था कि 169 करोड़ केंद्र की जेएनएनयूआरएम स्कीम में मिले हैं। ऐसे में बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने पर कई पचड़े होंगे। इसके बाद बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने को लेकर यूडीएच सचिव की अध्यक्षता में 3 आईएएस की कमेटी बनी, जिसकी रिपोर्ट ही नहीं आई। इसके। बाद मार्च 2022 में पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा को जानकारी देते हुए कहा था कि जयपुर में विफल साबित हुआ बीआरटीएस कॉरिडोर हटाया नहीं जा सकता, क्योंकि केंद्र इसकी अनुमति नहीं दे रहा। बीआरटीएस कोरिडोर के लिए लिए 50 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार, 20 प्रतिशत राज्य सरकार और 30 प्रतिशत जेडीए द्वारा खर्च की गई थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश

   

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