नौ दिवसीय यज्ञोपवीत कार्य व शिव महापुराण कथा में जुटे ग्रामीण
धमतरी, 1 जनवरी (हि.स.)। शहर से लगे हुए ग्राम देमार में नौ दिवसीय गायत्री महायज्ञ व नौ दिवसीय प्रज्ञा शिवमहापुराण कथा का एक जनवरी को समापन हुआ। इसके तहत प्रतिदिन विविध धार्मिक आयोजन हुए। अंतिम दिवस गांव की बालिकाओं ने दीप यज्ञ के दौरान नृत्य की प्रस्तुति दी। यज्ञोपवीत कार्य के समापन पर श्रध्दालुओं ने यज्ञ में आहूति डाली।
प्रज्ञा पुत्र दिनेश कुमार साहू ने बताया कि, विश्व कल्याण और पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह आयोजन हर साल किया जाता है। कार्यक्रम स्थल पर यज्ञ के अलावा अन्य यज्ञोपवीत कार्यक्रम हुए। कथा स्थल पर आयोजित यज्ञोपवीत कार्य में ग्राम देमार के अलावा धमतरी, तेलीनसत्ती, अर्जुनी, पोटियाडीह, लोहरसी, परसुली सहित अन्य गांव से गायत्री परिजन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे।
शिवमहापुराण कथा के दौरान यज्ञाचार्य चेलादास वैष्णव ने कहा कि, सच्चे मन से की गई प्रभु की आराधना व्यर्थ नहीं जाती। भगवान शिव को बेलपत्र और जल अर्पित करना ही काफी है। वे भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। श्रद्धा पूर्वक कथा श्रवण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान शिव सभी जीवों को तारने वाले है। भगवान शिव दयालु हैं। वे अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। श्रद्धा भाव से अर्पण किए गए एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान की भक्ति के लिए हमें समय अवश्य निकालना चाहिए। शिव महापुराण कथा में हर समस्याओं का समाधान है। इसलिए भक्तों को इसका श्रवण अवश्य करना चाहिए। कथावाचक ने शिव महिमा प्रसंग पर भक्तों को विस्तारपूर्वक कथा रसपान कराया। शिव महापुराण कथा श्रवण करने ग्रामीणाें की भीड़ जुटी।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा