(वर्षांत समीक्षा) भारत और चीन एलएसी पर जमीनी स्थिति बहाल करने पर हुए सहमत 



- भारत को रक्षा क्षेत्र में मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिहाज से वर्ष 2024 ख़ास रहा

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (हि.स.)। रक्षा मंत्रालय की उपलब्धियों के लिहाज से वर्ष 2024 ख़ास रहा है। भारत को रक्षा क्षेत्र में मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने नए जोश के साथ आगे कदम बढ़ाया। चार साल से चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए भारत और चीन ने कूटनीतिक और सैन्य स्तरों पर बातचीत की। इसके बाद दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के कुछ क्षेत्रों में जमीनी स्थिति बहाल करने के लिए व्यापक सहमति हासिल की।

रक्षा मंत्रालय ने अपनी वर्षांत समीक्षा में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा निर्यात रिकॉर्ड 21,083 करोड़ रुपये (लगभग 2.63 बिलियन अमेरिकी डॉलर) पर पहुंच गया। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष 15,920 करोड़ रुपये था। यानी पिछले वित्त वर्ष की तुलना में भारत का रक्षा निर्यात 32.5 फीसदी से अधिक बढ़ा है। आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में पिछले 10 वर्षों में निर्यात में 31 गुना वृद्धि हुई है। निजी क्षेत्र और डीपीएसयू सहित रक्षा उद्योग ने अब तक के सबसे अधिक निर्यात को प्राप्त करने के लिए जबरदस्त प्रयास किए हैं। निजी क्षेत्र और डीपीएसयू ने क्रमशः लगभग 60 फीसदी और 40 फीसदी का योगदान दिया। रक्षा मंत्री ने विश्वास जताया है कि 2029 तक 50 हजार करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण निर्यात करने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और डीपीएसयू के आयात को कम करने के लिए रक्षा उत्पादन विभाग ने जुलाई में 346 वस्तुओं वाली पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची (पीआईएल) अधिसूचित की। इनमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट, सिस्टम, सब-सिस्टम, असेंबली, सब-असेंबली, स्पेयर और कंपोनेंट और कच्चा माल शामिल हैं। इससे पहले डीपीएसयू के लिए 4,666 वस्तुओं वाली चार पीआईएल अधिसूचित की गई थीं, जिनमें से 2,972 वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया जा चुका है, जिनका आयात प्रतिस्थापन मूल्य 3,400 करोड़ रुपये है। डीपीएसयू के लिए ये पांच सूचियां सैन्य मामलों के विभाग की ओर से अधिसूचित 509 वस्तुओं की पांच पीआईएल के अतिरिक्त हैं। इन सूचियों में अत्यधिक जटिल सिस्टम, सेंसर, हथियार और गोला-बारूद शामिल हैं।

रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन

सरकार की नीतियों और पहलों के सफल कार्यान्वयन के दम पर रक्षा मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि हासिल की है। ​​रक्षा उत्पादन 1,26,887 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड-उच्च आंकड़े पर पहुंच गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष के रक्षा उत्पादन की तुलना में 16.7 फीसदी की वृद्धि है। वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा उत्पादन का मूल्य 1,08,684 करोड़ रुपये था। 2023-24 में उत्पादन के कुल मूल्य में से लगभग 79.2 फीसदी का योगदान डीपीएसयू से और 20.8 फीसदी का योगदान निजी क्षेत्र ने किया है। रक्षा मंत्रालय ने 2029 तक तीन लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन को हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

सी-295 टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके स्पेनिश राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज़ ने अक्टूबर, 2024 में गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड कैंपस में सी-295 परिवहन विमान के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। सितंबर, 2021 में रक्षा मंत्रालय ने 56 विमानों की आपूर्ति के लिए स्पेन की कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ 21,935 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें 16 विमान स्पेन से उड़ान भरने की स्थिति में लाए जाने थे और 40 का निर्माण टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड में होना था। इन 16 विमानों में से छह को पहले ही वडोदरा स्थित वायु सेना की 11 स्क्वाड्रन में शामिल किया जा चुका है। भारत में निर्मित पहला सी-295 विमान सितंबर, 2026 तक वडोदरा स्थित फाइनल असेंबली लाइन सुविधा से तथा शेष विमान अगस्त, 2031 तक तैयार हो जाने की उम्मीद है।

भारतीय लाइट टैंक

भारतीय लाइट टैंक 'ज़ोरावर' ने 4200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर विभिन्न रेंजों पर कई राउंड फायर करके लगातार सटीक परिणाम प्राप्त करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उच्च ऊंचाई वाले स्थान पर यह परीक्षण पहले चरण में रेगिस्तानी वातावरण में लगातार सटीक परिणामों के बाद किया गया है। इसी के साथ वायुसेना ने दूरदराज के स्थानों में त्वरित तैनाती के लिए टैंक की एयर लिफ्टिंग क्षमता का प्रदर्शन भी किया है। इसका पहला परीक्षण सितंबर, 2024 में रेगिस्तानी वातावरण में किया गया था। इस लाइट टैंक को भारतीय सेना के लिए डीआरडीओ की चेन्नई स्थित प्रयोगशाला कॉम्बैट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट ने परिभाषित, डिजाइन और विकसित किया है। इसका निर्माण इंडस्ट्री पार्टनर लार्सन एंड टुब्रो प्रिसिजन इंजीनियरिंग एंड सिस्टम्स कर रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम

   

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