शिक्षा में राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण में शिक्षक मुख्य भूमिका का निर्वाह करें : आनन्द त्यागी

वाराणसी, 19 जनवरी (हि.स.)। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि समाज की दिशा और दशा दोनों शिक्षकों से ही निर्धारित होती है। सभी शिक्षक अत्यंत महत्त्वपूर्ण होते हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ इन सभी को एक साथ जोड़कर विमर्श का अवसर प्रदान करता है।

कुलपति रविवार को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश काशी महानगर इकाई की ओर से नीबिया, बच्छांव स्थित शेपा संस्थान परिसर में आयोजित युवा शक्ति सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। कुलपति प्रोफेसर त्यागी ने कहा कि हमें राष्ट्र निर्माण की ओर छात्रों को मोड़ना है। भारत एक युवा देश है। युवा शक्ति का सदुपयोग करके ही समाज और देश को आगे ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान के बल पर ही हम दुनिया में आगे बढ़ सकते हैं। ज्ञान शिक्षकों के पास है। उसे हमें अपने विद्यार्थियों तक पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से पहुंचाना है। हमे केवल सूचना ही नहीं देना है बल्कि ज्ञान देना है। राष्ट्रीय चरित्र को सबसे ऊपर रखना होगा। हमें ज्ञान का नवाचार, संचयन करना है और उस ज्ञान को दूसरों तक पहुंचाना होगा। सम्मेलन में महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय आज़मगढ़ के कुलपति प्रोफेसर संजीव कुमार ने कहा कि युवा ही किसी भी समाज के थाती होते हैं। शिक्षक तो हमेशा युवा ही रहता है क्योंकि उसका मष्तिष्क हमेशा कुछ न कुछ नया सीखता रहता है। मानसिक रूप से युवा बने रहना ही असली युवा की पहचान है।

हंडिया पी. जी. कॉलेज के पूर्व प्राचार्य एवं विद्या भारती उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष डॉ. रघुराज सिंह ने कहा कि कर्तव्य के साथ ही सहयोग, सदभावना और सभी के प्रति प्रेम का बोध हो। हम सभी स्वावलंबी बनें, स्वाध्यायी बनें, इसका प्रयास होना चाहिए। सम्मेलन की अध्यक्षता महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व कुलपति एवं शेपा के निदेशक प्रो. पृथ्वीश नाग और विषय प्रवर्तन महासंघ के संरक्षक डॉ. दीना नाथ सिंह ने किया। संचालन डॉ. जगदीश सिंह दीक्षित, धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम सचिव अमिताभ मिश्रा एवं स्वागत भाषण कार्यक्रम संयोजक प्रो. अंजू सिंह ने किया। इस अवसर पर अध्यापन के क्षेत्र में पूरी निष्ठा, नवाचार औऱ कर्तव्यपरायणता से अध्यापन करने वाले विश्वविद्यालय,महाविद्यालय,माध्यमिक एवं प्राथमिक के कुल 34 युवा शिक्षकों को सम्मानित किया गया। सम्मेलन में प्रो. दया शंकर यादव, डॉ. अरुण राय, प्रो. नलिन मिश्रा, डॉ. आशा सिंह, प्रो. माधवी तिवारी, प्रो. ओ. पी. चौधरी, डॉ. आस्था सिंह, डॉ. अर्चना आदि की उपस्थिति रही।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

सम्बंधित खबर