युद्ध विराम का स्वागत किंतु अमेरिकी मध्यस्थता देश की संप्रभुता के खतरा : भाकपा-माले
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- May 11, 2025

भागलपुर, 11 मई (हि.स.)। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम का भाकपा-माले ने स्वागत किया है। किंतु इसके लिए अमेरिकी मध्यस्थता को देश की संप्रभुता के लिए खतरा बताया है। भाकपा-माले के नगर प्रभारी और ऐक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त ने रविवार को भाकपा-माले और ऐक्टू के केंद्रीय हेडक्वार्टर द्वारा इस आशय से संदर्भित जारी बयान की जानकारी देते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान के बीच बड़े सैन्य टकराव के गम्भीर परिणामों को लेकर पिछले तीन दिनों से पूरा देश चिंतातुर था, लेकिन अब चिंता करने की बात यह है कि सीजफायर के लिए सहमत होने के लिए मोदी सरकार को अमेरिकी मध्यस्थता की एक लम्बी रात की जरूरत पड़ी।
युद्ध विराम की खबर को ट्रम्प और उनके अधिकारियों ने सबसे पहले ब्रेक किया, बाद में भारत और पकिस्तान ने इसकी पुष्टि की। अच्छा होता कि दोनों देशों की सरकारें अपनी जनता की शांति की आवाजों को सुनतीं और अमेरिकी हस्तक्षेप के लिए कोई जगह न छोड़तीं। युद्ध उन्माद, फेक न्यूज, यहां तक कि जीत की खबरों के झूठे दावों को दिखा कर युद्ध को मनोरंजन की तरह दिखाने वाले भारत और पाकिस्तान की मुख्य धारा के मीडिया को भी शर्म आनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान द्वारा की गयी घोषणाओं को वापस ले लेना चाहिए और दोनों पड़ोसियों के बीच कूटनीतिक संम्बंधों को पूरी तरह से कायम करना चाहिए। पहलगाम में आतंकी हमला करने वालों को सजा और क्षेत्र में स्थायी शांति और दोस्ती व सहयोग की गारंटी हो। पहलगाम आतंकी हमले के पीछे हमारी कमियों पर सवाल पूछने वाले मीडिया प्लेटफॉर्मों जिन्होंने नफरत और युद्धोन्माद को खारिज किया और शांति और न्याय की आवाजों को बुलंद किया के संवैधानिक अधिकारों की गारंटी होनी चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर