अमृतसर में किसानों और पुलिस के बीच झड़प:पुलिस बोली- किसानों ने स्कूली बच्चों पर ट्रालियां चढ़ाई, 2 स्टूडेंट समेत महिला पुलिसकर्मी घायल

अमृतसर में आज किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए धरना दे रहे किसानों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का आरोप है कि किसानों ने रास्ते में जा रहे स्कूली बच्चों पर ट्रालियां चढ़ा दीं, जिससे वो बुरी तरह से जख्मी हो गए। वहीं किसानों का आरोप है कि वह डीसी दफ्तर में अपनी मांगों को लेकर जा रहे थे जहां पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। जानकारी के मुताबिक, आज सुबह भारतीय किसान यूनियन एकता पंजाब सिद्धूपुर के किसान आज डीसी अमृतसर के दफ्तर में अपनी मांगों को लेकर मांग पत्र देने जा रहे थे। इसी दौरान पुलिस की ओर से हल्का लाठीचार्ज करके उन्हें वहां से भगा दिया गया, लेकिन उसके बाद सैकड़ों किसान हरतेज अस्पताल के बाद धरना लगाकर बैठ गए। जहां किसानों को हटाने के लिए पुलिस ने पहले चेतावनी दी और कहा कि पंजाब सरकार के मुताबिक सड़कों को रोकना, धरना लगाना लोगों को परेशान करना गैरकानूनी है इसीलिए रोड ब्लॉक ना किया जाए। सड़कों को खाली करते हुए पुलिस की गाड़ी खड़ी है, वहां पर गिरफ्तारियां दी जाएं। इसके बाद भी जब किसान नहीं उठे तो पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए उन्हें रास्ते से हटाया। ओलावृष्टि का मुआवजा मांगने निकले थे इससे पहले किसानों ने कहा कि वह सुबह बिना किसी शोर शराबे के डीसी के समझ अपनी मांगों को लेकर जा रहे थे। उनके गांव में कल ओलावृष्टि हुई है उसका मुआवजा, कोरोना काल में कई किसानों का काम ठप हुआ और उस दौरान बैंकों के लोन ना भरने से होने वाली कुर्की संबंधी मांग पत्र देने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन पर बिना वजह लाठीचार्ज किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बैरिकेट लगाए और उन्हें रोका। वहीं एडीसीपी हरपाल सिंह के मुताबिक, किसानों ने पुलिस को देखते ही ट्रालियां भगाने के चक्कर में दो स्कूली बच्चों पर चढ़ा दी, जिससे वो गंभीर जख्मी हो गए और उनकी स्कूटी भी टूट गई। एक बाइक सवार को भी जख्मी किया। पुलिस के मुताबिक, मामला हाईकोर्ट में है और कल किसानों से बात हुई थी, लेकिन फिर भी वह गुंडागर्दी कर रहे जिसके बाद ही उन्हें हटाया गया है। फिलहाल पुलिस किसानों को वहां से हटाकर साथ ले गई और बच्चों को जख्मी करने के मामले में उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने मिलने बुलाया पर किसान नहीं पहुंचे पुलिस ने एक वीडियो जारी कर सारे मामले के बारे में जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, यह मामला 16 मई को शुरू हुआ था जब एक बैंक की ओर से एक किसान के घर को कुर्क करने के लिए वो गए थे जहां सिद्धिपुर किसान नेता परविंदर सिंह ने सवाल तोड़ने की बात कही, जिसे समझाया गया कि अगर बैंक की सील तोड़ी गई तो यह माननीय हाइकोर्ट का अपमान होगा और कानूनी कार्रवाई होगी। इसके बाद किसान नेता ने 22 मई को भंडारी पुल जाम लगाने की एक ऑडियो जारी की। वहीं इससे पहले बीते दिन डीसी साक्षी साहनी के साथ किसानों की बैठक करवाई गई थी और इस नेता को भी बुलाया गया लेकिन वो सारा दिन फोन करने के बाद भी नहीं आए। इसके बाद आज किसान ट्रालियां लेकर पहुंच गए और पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो वो तेजी से भागते हुए बच्चों को रौंदते हुए चले गए, जिसमें दो स्कूली बच्चे और उनकी महिला पुलिस अधिकारी भी घायल हो गई।

   

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