जमाअत इस्लामी हिन्द ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया 

नई दिल्ली, 08 नवंबर (हि.स.)। जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सादतउल्ला हुसैनी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अल्पसंख्यक चरित्र को बनाए रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। जमाअत का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय दिया है, जो विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक चरित्र को संरक्षित करने के लिए बाध्य है। हमारे देश के संविधान में में सभी धार्मिक, भाषाई और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार दिया गया है।

सैयद सादतउल्ला हुसैनी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकारें और स्थानीय अधिकारी यह समझते हैं कि अल्पसंख्यक, विशेष रूप से मुस्लिम देश का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। शिक्षा, आजीविका, सुरक्षा के मामले में उनके मूल अधिकारों को संरक्षित किया जाना चाहिए। इस देश के नवनिर्माण और विकास में मुसलमानों ने लगातार अपना योगदान दिया है। उनके जरिए स्थापित शिक्षण संस्थान में जाति या धर्म के भेदभाव के बिना छात्रों की सेवा करते हैं। मुसलमानों के प्रति सरकार को अपने दृष्टिकोण को बदलना चाहिए, ताकि अल्पसंख्यकों को हमेशा अपने मुद्दों को हल करने के लिए अदालतों से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं पड़े। सरकार को अपने विकास में अल्पसंख्यकों को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए पर्याप्त संवेदनशील होना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें किसी भी भेदभाव का सामना नहीं करना पड़े। उनके संस्थानों की रक्षा करने, सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए उपायों में शामिल किया जाना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/मोहम्मद ओवैस

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हिन्दुस्थान समाचार / मोहम्मद शहजाद

   

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