जेएमआई विश्वविद्यालय के 105वें स्थापना दिवस पर किरेन रिजिजू ने किया पुस्तिका का विमोचन

नई दिल्ली, 3 नवंबर (हि.स.)। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) विश्वविद्यालय ने सोमवार को 105वें स्थापना दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप अपनी सर्वश्रेष्ठ पहलों का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय ने “यूएन सतत विकास लक्ष्य : अवसर और चुनौतियां” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया और तालिमी मेला परिसर में एक प्रदर्शनी बूथ लगाकर सतत एवं समावेशी विकास के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियां प्रदर्शित कीं।

यह आयोजन ऐसे समय में हुआ है जब जामिया को एनआईआरएफ 2025 रैंकिंग में एसडीजी श्रेणी में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है, जिससे यह भारत के अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों में शामिल हो गया है जो सतत विकास और सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

कार्यक्रम का उद्घाटन संसदीय एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने किया। उन्होंने जामिया की उन सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया जो संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों से संबद्ध हैं।

रिजिजू ने छात्रों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न एसडीजी लक्ष्यों से संबंधित शोध एवं परियोजनाओं का अवलोकन किया और विश्वविद्यालय की 2030 तक सतत विकास एजेंडा को प्राप्त करने की प्रतिबद्धता की सराहना की।

कुलपति प्रो. मजहर आसिफ और कुलसचिव प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी के नेतृत्व में शिक्षकों और विद्यार्थियों की एक विशेष टीम गठित की गई है जो विश्वविद्यालय की एसडीजी पहलों का संचालन कर रही है।

एसडीजी कार्यक्रम के संयोजक प्रो. अहतेशमुल हक ने बताया कि स्कोपस डेटा के अनुसार जामिया ने 8,680 एसडीजी-संबंधित शोध पत्र प्रकाशित किए हैं।

कुलपति प्रो. मजहर आसिफ ने दैनिक जीवन में सततता को अपनाने पर बल देते हुए कहा कि इन लक्ष्यों का सार भारतीय परंपराओं और जीवनशैली में प्राचीन काल से ही निहित रहा है।

कुलसचिव प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी ने स्वच्छ ऊर्जा, शून्य कार्बन उत्सर्जन और स्मार्ट परिवहन की आवश्यकता पर जोर देते हुए आयोजन समिति की सराहना की।

एसडीजी कार्यशाला में प्रमुख वक्ताओं के रूप में एनएसयूटी के निदेशक प्रो. प्रेरणा गौर, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के निदेशक डॉ. अनिल कुमार और जीआईजेड अभिनव जैन उपस्थित रहे। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा के विकास, सतत नवाचार को प्रोत्साहन देने और एसडीजी कार्यान्वयन में सहयोगी साझेदारियों पर विचार-विमर्श किया।

अभियांत्रिकी संकाय अधिष्ठाता प्रो. मोहम्मद शरीफ ने बढ़ते कार्बन उत्सर्जन पर चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर ठोस रणनीतियां अपनाने की आवश्यकता बताई।

इस अवसर पर मुनव्वर हुसैन, डिजाइन इंजीनियर, सीमेंस एनर्जी तथा आईईईई जेएमआई छात्र शाखा के सदस्य भी पर उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी

   

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