30 दिनों के भीतर सूचना प्रदान करना अनिवार्य : राज्य सूचना आयुक्त

- धारित सूचना समय सीमा के भीतर देना अनिवार्य:राज्य सूचना आयुक्त

देवरिया, 6 अक्टूबर (हि.स.)।

राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद में सूचना के अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित हुई। सूचना आयुक्त ने कहा कि राज्य सूचना आयोग विगत कुछ वर्षों से लंबित आवेदनों के समाधान के लिए विशेष अभियान चला रहा हैं। इसमें उल्लेखनीय सफलता मिल रहीं हैं। राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि विभिन्न विभागों में तैनात जन सूचना अधिकारी मांगी गई सूचना देने में अनावश्यक विलंब नहीं करें। निर्धारित तय अवधि 30 दिनों के भीतर सूचना प्रदान करना अनिवार्य हैं। उन्होंने कहा कि निर्धन एवं पीड़ितों को सूचना देने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जन सूचना अधिकारियों को ऐसे लोगों की परेशानी समझते हुए उनको यथाशीघ्र सूचना देकर उनकी समस्याओं के समाधान में सहयोगी बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि जन सूचना अधिकारियों को सूचना के अधिकार अधिनियम की मूलभूत जानकारी रखनी चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाओं के संदर्भ में लोकहित को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ।सूचनाओं को प्रदान करने में अनावश्यक विलंब नहीं किया जाना चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना के संदर्भ में पूरी जानकारी मसलन सूचना कब प्राप्त हुई, सूचना का विषय, सूचना की स्थिति आदि के संदर्भ में पूरी जानकारी एक पंजिका में रखी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सूचना किसी अन्य विभाग से संबंधित हैं तो स्पष्ट रूप से उसका अंतरण 05 दिन के अंदर संबंधित अन्य विभाग को करें । लिखे की यह मेरे विभाग से संबंधित नहीं हैं। अपने पास आरटीआई कभी भी लंबित न रखें। सीडीओ प्रत्यूष पांडेय ने कहा की सभी जनपद स्तरीय अधिकारी कार्यालय स्तर पर आए आरटीआई आवेदन का निर्धारित समय में जवाब दें। इसे कार्यालय स्तर पर लंबित न रखे। इस अवसर पर एडीएम वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार राय, एएसपी साउथ सुनील कुमार सिंह, ए एस डी एम मंजूर अहमद अंसारी मौजूद रहें ।

हिन्दुस्थान समाचार / ज्योति पाठक

   

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