गंगा करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र और हमारी संस्कृति है : सी आर पाटिल

हरिद्वार में गंगा उत्सव

हरिद्वार, 4 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने कहा कि पूरी दुनिया के लिए गंगा सिर्फ नदी है, लेकिन भारत के लिए गंगा पूजनीय है। हमारे जन्म पूजन से लेकर मृत्य पर्यन्त तक सभी कार्य नदी से जुड़े हैं। इसलिए हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए गंगा को साफ एवं स्वच्छ रखना। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ गंगा के सपने को पूरा करने के लिए हम सब प्रयासरत हैं और गंगा के साथ ही अन्य नदियों को साफ रखने के लिए जल शक्ति मंत्रालय की प्राथमिकता है। पाटिल ने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि हमें अपनी आने वाले पीढ़ी के लिए स्वच्छ जल संचित करना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री पाटिल हरिद्वार के चंडी घाट पर आयोजित गंगा उत्सव का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे। नमामि गंगे घाट पर आयोजित आठवां गंगा उत्सव में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के अलावा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा प्रदेश की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य सहित तमाम नमामि गंगे से जुड़े अधिकारी शामिल हुये। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने बीएसएफ की महिलाओं द्वारा देवप्रयाग से गंगासागर तक निकले गंगा यात्रा अभियान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गंगा को स्वच्छ व निर्मल रखने का अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा केवल नदी नहीं है,बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है और यह हमारी संस्कृति है, हमारी धरोहर है अतः इसका संरक्षण और संवर्धन करना हर नागरिक का कर्तव्य है। पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई नमामि गंगे योजना करोड़ों लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतर रही है और गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सतत प्रयास जारी है।

केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने गंगा में महाशीर मछलियों को भी प्रवाहित किया और कई लाख मत्स्य बीज भी गंगा में छोड़े गए, ताकि गंगा में जलीय जीव का संतुलन बना रहे। इस मौके पर नमामि गंगे घाट पर हाट के अंतर्गत कई गंगा तट के गांव की समितियों द्वारा स्टाल भी लगाए गए जिसमें स्थानीय हर्बल उत्पादनों का प्रदर्शन और इसकी बिक्री की गई। इस दौरान कई सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। वहीं, गंगा मंथन में सुबह के सत्र में जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने मंथन किया वहीं स्कूली बच्चों के लिए विशेष भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें बच्चों ने गंगा से संबंधित व्याख्यान एवं कविताएं पढ़ी। साथ ही बच्चों के लिए चित्रकला का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर नमामि गंगे के महानिदेशक राजीव मित्तल ने कहा कि आज का उत्सव मां गंगा के संरक्षण को लेकर है। हमारे साथ पांच अन्य राज्यों में भी ये उत्सव मनाया जा रहा है। श्री मित्तल ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि नदियों को सिर्फ जल का स्रोत नहीं बल्कि जीवन का आधार बनाएं। ये मात्र एक उत्सव नहीं अभियान है जिसके माध्यम से हम नदियों के महत्व को समझाने का प्रयास करते हैं। अपने सम्बोधन में श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि हरिद्वार वो स्थान है जो उत्तराखंड का देवभूमि के रूप में परिचय करता है। आज ही का दिन वो ऐतिहासिक दिन है जब मां गंगा को राष्ट्रीय नदी के रूप में पहचाना गया। गौरतलब है कि गंगा किनारे पहली बार गंगा महोत्सव का आयोजन किया गया है। इससे पहले यह आयोजन दिल्ली में आयोजित किया जाता था। इसका मकसद गंगा का संरक्षण, संवर्धन करना तथा लोगों में जन जागरूकता पैदा करना है,ताकि लोग गंगा में गंदगी ना फैलाएं। सरकार भी गंगा को स्वच्छ रखने के लिए लगभग 30000 करोड़ से अधिक का बजट खर्च कर रही है। इसके अंतर्गत गंगा तटीय नगरों में एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं,जगह-जगह शवदाह ग्रह भी बनाए गए हैं ताकि लोग गंगा में शवों को ना जलाएं। आज ही के दिन 4 नवंबर को गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया था। इस दिन को उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा की कड़ी में गंगा उत्सव मनाया जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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