प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल कर रोका जाएगा डल झील में पानी का रिसाव : आंनद मल्लिगावड

धर्मशाला, 05 नवंबर (हि.स.)। लेकमैन ऑफ इंडिया के नाम से विख्यात आनंद मल्लिगावाड ने कहा कि धर्मशाला की डल झील में हो रहे पानी के रिसाव को रोकने के लिए आधुनिक तकनीक की जगह प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया जाएगा। मंगलवार को जिलाधीश कार्यालय के सभागार में जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों के अधिकारियों और होटल एसोसिएशन के सदस्यों से डल झील के विषय को लेकर बैठक करते हुए मल्लिगावाद ने बताया कि डल झील के रिसाव को 100 फीसद रोक दिया जाएगा। इसके लिए उन्होंने गत सोमवार को करीब तीन घंटों तक जिला प्रशासन, होटलियर और स्थानीय लोगों के साथ झील क्षेत्र का निरीक्षण किया है।

उन्होंने बताया कि झील के रिसाव को रोकने के लिए यहां कि मिट्टी और गोल पत्थर सहित अन्य प्राकृतिक संसाधनों का सहारा लिया जाएगा। प्राकृतिक तरीके से रिसाव रोकने के लिए उपयोग की गई मिट्टी पानी को अपनी ओर खींचेगी। इससे झील को पहुंचे नुकसान को रोक दिया जाएगा। वहीं इस तरीके से अगले 50 सालों तक भी पानी का रिसाव न हो इस तरीके से काम किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस झील के निरीक्षण के दौरान पानी में साथ लगे हुए देवदार के पत्तों, स्थानीय चीजों या यहां झील में स्नान करने के दौरान यहां छोड़े गए कपड़ों का पानी की गहराई तक जाना भी झील के रिसाव के होने का कारण हो सकता है। झील के किनारों पर मिट्टी से स्टेप बनाकर नीचे से मिट्टी की लाइनिंग करके पानी का रिसाव रूकेगा। इससे झील की गहराई पर भी नुकसान नहीं होगा। साथ ही उपर पेड़ों की तरफ से आ रहे पानी के स्थान पर छेद डालकर साफ पानी को झील तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। हालांकि इसके लिए प्राकृतिक पानी के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करनी होगी। प्राकृतिक पानी से छेड़छाड़ करने से पानी का बहाव भी बंद हो सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया

   

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