सीएम शिंदे के क्षेत्र से बागी प्रत्याशी मनोज शिंदे आखिर कांग्रेस से बाहर 

मुंबई,9नवंबर ( हि.स.) । ठाणे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ग्रह क्षेत्र कोपरी पांच पाखडी विधान सभा में कांग्रेस के बागी प्रत्याशी मनोज शिंदे को आज ठाणे कांग्रेस ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ठाणे पूर्व में कोपरी पांच पाखडी विधान सभा में सीएम शिंदे का यूबीटी शिवसेना के प्रत्याशी केदार दिघे से सीधा मुकाबला है।

बताया जाता है कि यह क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है ,पिछली बार भी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के संजय घड़ीगांवकर से सीएम शिंदे ने चुनाव जीता था।लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस से यह विधानसभा क्षेत्र यूबीटी शिवसेना को सौंपने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी व्याप्त थी।

कांग्रेस के बागी प्रत्याशी मनोज शिंदे ठाणे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष हैं और वह वागले इस्टेट से लगातार चार वार कांग्रेस से नगर सेवक भी चुने गए हैं।मनोज शिंदे निर्दलीय के रूप में गुब्बारा निशानी पर कोपरी पांच पाखडी विधान सभा से चुनाव मैदान में हैं।

आज ठाणे कांग्रेस ने मनोज शिंदे के निष्कासन पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि कांग्रेस महाविकास अघाड़ी का घटक दल है., लेकिन कांग्रेस पार्टी के मनोज शिंदे और सुरेश पाटिल खेड़े अब बगावत कर महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. ।ठाणे कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठों के आदेश पर मनोज शिंदे और सुरेश पाटिल खेड़े को 6 साल के लिए कांग्रेस पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।

राज्य कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस पार्टी से बगावत कर महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले कई लोगों को निलंबित कर दिया है. विक्रांत चव्हाण ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ठाणे में कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की और पार्टी की निलंबन कार्रवाई की जानकारी दी.।

उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी कभी भी बागी निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन नहीं करती. ठाणे से महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार राजन विचारे, केदार दिघे, जीतेंद्र आव्हाड और नरेश मनेरा को कांग्रेस पार्टी का समर्थन प्राप्त है।

उल्लेखनीय हैं कि ठाणे में चार विधानसभा चुनाव क्षेत्र में कांग्रेस महाविकास आघाड़ी यूबीटी शिवसेना और एनसीपी एसपी समर्थन कर रही हैं।जबकि ये चारों स्थान कभी कांग्रेस के हुआ करते थे

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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा

   

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