एमडीएम में गड़बड़ी की रिपोर्ट के बावजूद भी नहीं हुआ एनजीओ का लाइसेंस रद्द

भागलपुर, 04 दिसंबर (हि.स.)। फूड एण्ड सेफ्टी डिपार्टमेंट की जांच रिपोर्ट में हुए एमडीएम में गड़बड़ी की खुलासे के बावजूद बिहार और नई दिल्ली में स्कूली बच्चों को मिड डे मिल सप्लाई करने वाले एनजीओ पूर्वांचल समाज सेवा संघ का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया।

बल्कि इसके विपरीत 24 अगस्त 2024 को इसके लाइसेंस को फिर से रिन्यूअल कर दिया गया। जबकि 1 अगस्त 2024 को फूड एण्ड सेफ्टी डिपार्मेंट की आयी जांच रिपोर्ट में सम्बंधित एनजीओ पर अभियोजन चलाने की सिफारिश की गयी थी। जांच रिपोर्ट में सम्बंधित विभाग ने जो खुलासा किया है वह चौंकाने वाला है। एनजीओ द्वारा सप्लाई किए जा रहे भोजन को स्कूली बच्चों के ब्रेन, लिवर और प्रजनन तंत्र के लिए खतरनाक है। साथ ही उस भोजन को खाने से बच्चों को घेघा रोग हो सकता है।

ऐक्टू ने इसका कड़ा विरोध किया है। राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने कहा कि कुछ अमीरों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने जानबूझ कर राज्य के गरीब बच्चों के जीवन को संकट डाल दिया है। बिहार के 29 जिलों के 11000 विद्यालयों में एनजीओ के जरिये गरीब स्कूली बच्चों को एमडीएम की आपूर्ति की जाती है। हाल ही में खगड़िया में एनजीओ द्वारा सप्लाई एमडीएम में मेंढक और कीड़ा मिला था। गरीब घर के बच्चों के स्वास्थ्य की कीमत पर क्या बिहार सरकार चंद धनाड्यों को लाभ पहुंचाती रहेगी? अपने कमीशन की खातिर यह सरकारी महकमा बच्चों के ब्रेन, लिवर और प्रजनन तंत्र आदि को कब तक डैमेज करता रहेगा। क्या ऐसे ही बच्चों के जीवन से खिलवाड़ होता रहेगा।

इस सामाजिक न्याय की सरकार में? ऐक्टू मांग करता है कि राज्य के सभी विद्यालयों के बच्चों को विद्यालय रसोइयों द्वारा पकाया हुआ पौष्टिक भोजन परोसने की गारंटी हो। एमडीएम में गड़बड़ी के खुलासे के बावजूद एनजीओ का लाइसेंस रिन्यूअल कर बच्चों के जीवन से खेलने वाले अधिकारी को बर्खास्त कर जेल भेजा जाय।

हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर

   

सम्बंधित खबर