हरिद्वार, 05 नवंबर (हि.स.)। प्रकाश पर्व दीपावली संपन्न होने के बाद मंगलवार से नहाय-खाय के साथ छठ पर्व शुरू हो गया। तीर्थनगरी हरिद्वार में घाटों की सफाई के साथ पूजा संबंधित तमाम व्यवस्थाएं की गई। आगामी नवंबर की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके साथ ही छठ महापर्व का समापन होगा।
पूर्वांचल में मनाया जाने वाला छठ पर्व अब पूरी देश का पर्व बन गया है। विदेशों में भी छठ पूजा की गूंज सुनाई देने लगी है। छठ पूजा का व्रत काफी कठिन होता है। ऐसे में देश के तमाम हिस्सों की तरह ही हरिद्वार में भी छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर है। छठ पूजा की तैयारियां नहाय-खाय के साथ ही शुरू हो जाती है। इस दौरान व्रती महिलाएं चावल, लौकी की सब्जी और अरहर की दाल अनिवार्य रूप से खाती हैं। सात नवंबर की शाम सूर्यास्त के समय महिलाएं सूर्य देवता को अर्घ्य देंगी। इसके साथ ही संध्या आरती के बाद पूरी रात घाट पर ही महिलाएं सुबह होने का इंतजार करेंगी। ब्रह्म मुहूर्त में सुबह तीन बजे से छठी मइया की आराधना करेंगी। जब सूर्योदय होगा तो व्रती महिलाएं सूर्य देवता को अर्घ्य देंगी।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला