जींद : करसोला के निलंबित सरपंच के समर्थन में आए ग्रामीण

जींद, 2 दिसंबर (हि.स.)। जुलाना क्षेत्र के करसोला गांव के सरपंच महेंद्र को निलंबित करने पर ग्रामीण सरपंच के समर्थन में आ गए हैं। सोमवार को करसोला गांव के ग्रामीण गांव की चौपाल में एकत्रित हुए। पंचायत की अध्यक्षता पूर्व सरपंच रामफल ने की। बता दें कि सरपंच को तालाब की जमीन पर चौपाल बनाने पर उपायुक्त ने सस्पेंड कर दिया था।

करसोला गांव निवासी सुमित कुमार ने शिकायत दी थी कि करसोला गांव के सरपंच रहे महेंद्र ने तालाब की जमीन पर चौपाल बना दी और मिट्टी डालक र तालाब को खत्म करने का प्रयास किया है। सरपंच ने जिस किला नंबर पर ई-टेंडरिंग के तहत चौपाल का निर्माण करवाया है, वह जमीन तालाब की है। नियम के अनुसार तालाब की जमीन पर कोई भी अन्य कार्य नही किया जा सकता। 21 अक्टूबर को करसोला गांव के सरपंच महेंद्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सरपंच द्वारा 200 वर्ग गज में चौपाल का निर्माण करवाया गया है। जांच के लिए कमेटी नियुक्त की गई और रिपोर्ट बना कर उच्चाधिकारियों को भेजी गई। रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर करसोला गांव के सरपंच महेंद्र को सस्पेंड किया गया।

करसोला गांव के निलंबित सरपंच महेंद्र ने बताया कि पंचायती विभाग को सजरा भी दिया गया था जिसमें पूरी जानकारी दी गई थी। प्रक्रिया पूरी होने पर ही 24 लाख 97 हजार के टेंडर लगाया गया था। चौपाल का निर्माण कार्य भी लगभग पूरा ही हो गया था। पूर्व सरपंच करसोला रामफल ने बताया कि प्रशासन ने सरपंच के साथ अन्याय किया है। बिना जांच किए ही सरपंच को सस्पेंड कर दिया। जहां तालाब की जमीन बताई गई है वहां पर कोई तालाब नही है। इसके अलावा पहले भी शामलात भूमि पर निर्माण कार्य होते रहे हैं। अगर दा दिन में सरपंच को बहाल नही किया तो ग्रामीण जींद-रोहतक मार्ग पर जाम लगाएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा

   

सम्बंधित खबर