दून पुस्तकालय में 'नदी की आंखें' पुस्तक के दूसरे संस्करण का लोकार्पण 

देहरादून, 08 नवंबर (हि.स.)। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र सभागार में शुक्रवार की शाम उत्तराखंड के लेखक और पर्वतारोही सुभाष तराण की पुस्तक 'नदी की आंखें' के दूसरे संस्करण का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण से पूर्व राहुल पाटिल की लघु वृत्त चित्र 'शिनकुन वेस्ट-ऐन आर्टिफिशियली फेल्ड एक्सपीडिशन' का प्रदर्शन भी किया गया।

पुस्तक लोकार्पण के पश्चात पुस्तक पर बातचीत हुई। सामाजिक व पर्यावरण विचारक बिजू नेगी ने पर्वतारोहण से संबंधित तथा पुस्तक में संकलित कहानियों और लेखक के जीवन के विविध पक्षों पर गहन बातचीत की। पुस्तक में संकलित कहानियों के बारे में कहा गया कि यह जहां पाठकों को एक ओर पहाड़ के रोमांच से रूबरू कराती है वहीं हाशिये पर पड़े लोगों का वास्तविक पक्ष सहज रूप से निर्भीकता व ईमानदारी के साथ सामने रखती है। बहुत छोटी-छोटी घटनाओं पर आधारित सरल बोली-भाषा के साथ एक-दूसरे से नितांत भिन्न आस्वाद की इन कहानियों में कहीं यह सामूहिकता का उत्सव मनाती दिखती है तो कहीं अपने अकेलेपन से जूझती हुई दिखाई देती है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने सभागार में उपस्थित लोगों का स्वागत किया और अंत में धन्यवाद दिया। इस दौरान शिव प्रसाद जोशी, राजीव गुप्ता, डॉ. लालता प्रसाद, सुंदर सिंह बिष्ट, सुरेंद्र सिंह सजवान, शीशपाल सिंह गुसाईं, सुवर्ण रावत, हरिओम पाली, कांता घिल्डियाल, उमा भट्ट, विजय शंकर शुक्ला समेत अनेक लेखक, साहित्यकार, घुमक्कड़, पाठक आदि उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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