आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियां बनी लोगों की पहली पसंद, जिला आयुष अस्पताल नाहन में बढ़ी रोगियों की संख्या

नाहन, 20 अप्रैल (हि.स.)। जिला आयुष अस्पताल नाहन में इन दिनों आयुर्वेदिक उपचार पद्धतियां रोगियों के बीच खासा लोकप्रिय हो रही हैं। आयुर्वेदिक त्रिकोण – जिसमें पंचकर्म, योगिक क्रियाएं और इम्युनिटी बढ़ाने वाले काढ़े शामिल हैं – से विभिन्न रोगों का सफल उपचार किया जा रहा है।

इन दिनों अस्पताल में विशेष रूप से जोड़ों के दर्द, पीठ दर्द, सूजन, अकड़न और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं के लिए मर्म चिकित्सा द्वारा उपचार किया जा रहा है। वहीं, गठिया, पाचन संबंधी रोग, माइग्रेन और अनिद्रा जैसी बीमारियों के लिए पंचकर्म विधि से इलाज किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त, लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से आयुष अस्पतालों में 'पाक शालाएं' भी संचालित की जा रही हैं। इन पाक शालाओं में तुलसी आदि औषधीय जड़ी-बूटियों से तैयार काढ़े बनाए जा रहे हैं और रोगियों को अस्पताल परिसर में ही पिलाए जा रहे हैं।

जिला आयुष अधिकारी डॉ. इन्दु शर्मा ने जानकारी दी कि नाहन सहित सिरमौर जिले के अन्य आयुष अस्पतालों में भी प्राचीन आयुर्वेदिक विधियों से लोगों को उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है। नाहन अस्पताल में पंचकर्म और मर्म चिकित्सा के साथ-साथ नियमित योग अभ्यास की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

उन्होंने बताया कि समय-समय पर विभिन्न स्थानों पर निशुल्क आयुष जांच शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इन पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का लाभ उठा सकें।

हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर

   

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