अमृतसर में बाढ़ से किसान बेहाल:खेतों में ही फसल नष्ट करनी पड़ रही है, किसान बोले कर्ज उतारना था, खेत का ठेका देना है

अमृतसर के हलका अजनाला के गांव कोटली अंब में हाल ही में आई बाढ़ ने किसानों की मेहनत और उनके सपनों – दोनों को बर्बाद कर दिया। धान की फसल में कई-कई फुट तक पानी भरा हुआ है। हालात ऐसे हैं कि किसान अपनी फसल को खेतों में ही ट्रैक्टरों से नष्ट करने को मजबूर हैं, क्योंकि बाढ़ ने फसल को पूरी तरह तबाह कर दिया है। किसानों ने बताया कि उन्होंने इस फसल को अपने बेटों की तरह पाला था, लेकिन आज जब काटने का समय आया, तो उसे खेतों में ही मिलाना पड़ रहा है। आंखों में आंसू गांव के किसान जगदीप सिंह ने आंखों में आंसू भरकर अपना दर्द बयान करते हुए कहा, “इस फसल से बहुत उम्मीदें थीं। कर्ज उतारना था, खेत का ठेका देना था। पर बाढ़ ने सब कुछ खत्म कर दिया। अब महंगे डीजल से खेतों में ही फसल को मिट्टी में मिलाना पड़ रहा है। अगर फसल अच्छी होती तो किसान खुशहाल होते, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था।” 100% मुआवजे की मांग गांव के अन्य किसानों ने भी अपनी परेशानी साझा करते हुए सरकार से तुरंत 100% मुआवजे की मांग की है। कवल पाल ​सिंह ने कहा कि अगर समय पर सहायता नहीं मिली, तो किसान कर्ज के बोझ में दब जाएंगे। साथ ही किसानों ने यह भी मांग की है कि सरकार टूटी हुई नहरों और नालों की तुरंत मरम्मत करवाए, ताकि भविष्य में इस तरह की बर्बादी से बचा जा सके। हलका अजनाला के कई गांवों की जमीन इस बाढ़ से प्रभावित हुई है। कोटली अंब भी उन्हीं गांवों में से एक है, जहां किसान महंगे डीजल के सहारे फसल को खेतों में ही नष्ट करने को मजबूर हो चुके हैं। किसानों ने सरकार से अपील की है कि उनके दर्द को समझते हुए फौरन मुआवजे का ऐलान किया जाए और उसकी बांट में कोई देरी न की जाए।

   

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