रोपड़ में शहीदी जोड़ दिवसों की शुरुआत:गुरुद्वारा साहिब से हुआ आगाज; नगर कीर्तन में बच्चों ने दिखाए करतब

रोपड़ में पवित्र शहीदी जोड़ दिवसों की शुरुआत गुरुद्वारा साहिब सदाबरत से नगर कीर्तन के साथ हुई। यह नगर कीर्तन गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज की पावन स्मृतियों को समर्पित है, जो 1 पोह से 13 पोह तक चलने वाले ऐतिहासिक शहीदी दिवसों की श्रृंखला का हिस्सा है। इसी पावन मार्ग से गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने सरसा नदी के तट तक यात्रा की थी, जहां उनके परिवार का विछोह हुआ था। अत्यंत कठिन परिस्थितियों के बावजूद, गुरु साहिब ने अमृत वेले आसां दी वार का कीर्तन और नितनेम करते हुए सिखों को हर हाल में मर्यादा पर अडिग रहने की शिक्षा दी थी। नगर कीर्तन की एक विशेष बात यह रही कि विभिन्न ट्रालियों के साथ चल रहे सेवादार मार्ग की सफाई करते हुए आगे बढ़ रहे थे। यह दृश्य सेवा और स्वच्छता का अनुकरणीय संदेश दे रहा था। इस दौरान संगतें "वाहेगुरु" के जयकारों के साथ गुरु इतिहास को श्रद्धापूर्वक नमन कर रही थीं। यह नगर कीर्तन विभिन्न पड़ावों से होता हुआ शाम को गुरुद्वारा श्री भट्टा साहिब पहुंचेगा। यहां आगामी 16, 17 और 18 दिसंबर को शहीदी जोड़ दिवसों के अंतर्गत विशेष धार्मिक दीवान आयोजित किए जाएंगे। इनमें पंथ-प्रसिद्ध रागी, ढाडी और कथावाचक गुरु इतिहास के प्रसंगों के माध्यम से संगतों को निहाल करेंगे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने संगतों की सुविधा के लिए लंगर, आवास, पार्किंग और सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं। इस अवसर पर संगतों, विशेषकर युवाओं से अपील की गई कि वे गुरु साहिब की महान शहादतों से प्रेरणा लें। उन्हें अमृतपान कर गुरु के बताए मार्ग पर चलने और पंथ की चढ़दी कला के लिए योगदान देने का आह्वान किया गया। शहीदी यात्रा आगे चलकर चमकौर साहिब, माछीवाड़ा और फतेहगढ़ साहिब जैसे ऐतिहासिक स्थलों तक पहुंचेगी। इन स्थानों पर गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज से जुड़ी महान शहादतों को श्रद्धा के साथ स्मरण किया जाएगा।

   

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