डीसी की पटवारियों संग बैठक, राजस्व कार्यों में तेज़ी लाने के निर्देश
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- Dec 03, 2025
शिमला, 03 दिसंबर (हि.स.)। उपमंडल ठियोग में बुधवार को आयोजित राजस्व विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक में उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने पटवारियों और राजस्व फील्ड स्टाफ को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अब राजस्व कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जनहित से जुड़े मामलों को समय पर पूरा करना हर कर्मचारी की जिम्मेदारी है और लापरवाही मिलने पर विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उपायुक्त ने बताया कि हर उपमंडल में अब नियमित रूप से पटवारियों के साथ बैठकें होंगी और ठियोग उपमंडल से इस नई पहल की शुरुआत की गई है।
बैठक में उपायुक्त ने कहा कि भूमिहीन लोगों के आवेदन पटवारियों के पास समय पर नहीं पहुंच रहे, जबकि वही आवेदन सीधे उपायुक्त कार्यालय तक पहुंच रहे हैं, जो गंभीर स्थिति है। उन्होंने कहा कि पटवारी स्वयं सोचें कि जनता को सीधा उपायुक्त कार्यालय तक क्यों आना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सरकारी विभागों के नाम दर्ज काफी भूमि इस्तेमाल में नहीं लाई जा रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसी जमीन की जल्द पहचान की जाए और उसे भूमिहीन परिवारों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जाए।
विशेष आपदा राहत पैकेज-2023 के तहत ठियोग में बन रहे घरों की समीक्षा करते हुए डीसी ने कहा कि उपमंडल में 323 घर बन रहे हैं, लेकिन 98 प्रतिशत पटवारी अब तक मौके पर जाकर निरीक्षण ही नहीं कर पाए हैं। केवल दो पटवारियों ने रोज नामचा में निरीक्षण का रिकॉर्ड प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि दो सप्ताह के भीतर सभी पटवारी प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण पूरा कर रिपोर्ट भेजें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त ने रोज नामचा रिकॉर्ड की क्रॉस चेकिंग करते हुए निर्देश दिया कि पटवारी जब भी फील्ड में जाएं, उसका रिकॉर्ड दर्ज होना अनिवार्य है। उन्होंने नायब तहसीलदार को आदेश दिए कि पटवारियों के कार्यों की प्रगति रिपोर्ट की नियमित समीक्षा की जाए। इसके साथ ही धारा-118 के तहत हुए म्यूटेशन मामलों की स्थिति रिपोर्ट एक सप्ताह में भेजने को कहा गया और भूमिहीन लोगों का अद्यतन रिकॉर्ड भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि ततीमा काटने के बाद उसकी प्रविष्टि रिकॉर्ड में होनी चाहिए, अन्यथा संबंधित पटवारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पटवारियों को स्कूलों में मिड-डे मील और बच्चों के शौचालयों की स्थिति का औचक निरीक्षण भी करना चाहिए तथा वरिष्ठ नागरिकों के प्रति व्यवहार संवेदनशील और शालीन होना चाहिए ताकि उन्हें बार-बार दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें।
डीसी अनुपम कश्यप ने कहा कि आपदा की स्थिति में पटवारी की मौके की रिपोर्ट बेहद महत्वपूर्ण होती है और प्रशासन की पूरी जानकारी पटवारी के माध्यम से ही आती है। भूमि रिकॉर्ड संरक्षण, प्रमाण पत्र जारी करना, भूमि हस्तांतरण नियंत्रण और भू-राजस्व प्रबंधन को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए।
लंबरदारों के नाम तक नहीं बता पाए पटवारी
बैठक के दौरान जब डीसी ने पटवारियों से उनके पटवार सर्कल के लंबरदारों के नाम पूछे तो अधिकांश पटवारी नाम तक नहीं बता पाए। इस पर उपायुक्त ने नाखुशी जताते हुए कहा कि यह अत्यंत चिंताजनक स्थिति है और यदि पटवारी अपने क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी से भी परिचित नहीं हैं, तो यह गंभीर लापरवाही है। उन्होंने कहा कि सभी पटवारी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाएं और अपनी व्यवस्था दुरुस्त करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा



