केन्द्रीय बजट से राजस्थान को मिली निराशा : राजस्थान कांग्रेस

जयपुर, 1 फ़रवरी (हि.स.)। लोकसभा में शनिवार काे पेश किए गए केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेताओं ने इसे राजस्थान के लिए निराशाजनक बताया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, प्रदेशाध्यक्ष गाेविन्द सिंह डाेटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने केन्द्रीय बजट काे लगातार बढ़ते व्यापार घाटे, डॉलर के बढ़ते मूल्य, बेरोजगारी और महंगाई से कोई राहत दिलाने वाला नहीं बताया है।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अब केन्द्र सरकार 2022 तक देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के वादे का जिक्र क्यों नहीं करती है? यह भी आश्चर्यजनक है कि देश के सामने वर्तमान की सबसे बड़ी चुनौतियों महंगाई एवं बेरोजगारी का इस बजट में जिक्र तक नहीं है। राजस्थान की जनता को उम्मीद थी कि ईआरसीपी और यमुना जल समझौते को लेकर केन्द्र सरकार कोई बड़ी घोषणा करेगी और इन्हें राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देगी परन्तु पूरे बजट में राजस्थान राज्य का नाम तक ही नहीं लिया गया है।

सबको उम्मीद थी कि 11 साल से पेट्रोल-डीजल पर जनता को टैक्स लगाकर लूटा जा रहा है पर आज बजट में इसमें कमी कर राहत दी जाएगी, परन्तु पेट्रोल-डीजल पर तो कोई राहत नहीं मिली। बल्कि गैस सब्सिडी को भी कम कर दिया गया है। इसका सीधा अर्थ है कि आने वाले दिनों में गरीब परिवारों को महंगी रसोई गैस खरीदनी पड़ेगी।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे राजनीति से प्रेरित, किसानों की अनदेखी करने वाला, अदूरदर्शी बजट बताया है।

उन्होंने कहा कि सत्ता में बने रहने के लिए सहयोगी दलों पर निरंतर निर्भरता इस बजट में साफ देखने को मिलती है। पायलट ने कहा कि बजट में किसानों की भी स्पष्ट रूप से अनदेखी की गई है। राजस्थान के संदर्भ में भी बजट पूर्णतः निराशाजनक रहा है। ईआरसीपी और यमुना जल योजना को लेकर कोई आश्वासन या घोषणा बजट में नहीं किया जाना प्रदेश की जनता के साथ छलावा है। रेल यातायात को मजबूत करने के लिए नई रेल लाईन स्वीकृत करने तथा पिछली स्वीकृत रेल परियोजनाओं पर काम शुरू करने के संबंध में कोई उल्लेख नहीं करना राजस्थान की जनता के प्रति केन्द्र सरकार की अनदेखी को दर्शाता है। केन्द्रीय बजट में प्रदेश का जिक्र तक नहीं होना प्रदेश सरकार की विफलता को भी इंगित है कि राज्य सरकार राजस्थान के लिए केन्द्र से कोई नई योजना लाने में असफल रही।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गाेविंद सिंह डाेटासरा ने कहा कि गरीबों को खपाना और पूंजीपतियों को खजाना। देश में पिछले 11 वर्ष से यही हो रहा है।

अत्यंत निराशाजनक केन्द्रीय बजट में आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है। राजस्थान नहीं बल्कि पूरे देश की जनता को हताश करने वाले बजट में हर वर्ग की उपेक्षा की गई है।

बजट में राजस्थान का नाम तक नहीं लिया। देश गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी से बुरी तरह त्रस्त है

पर महंगाई और रोजगार की दिशा में कोई घोषणा नहीं हुई।

मध्यम वर्ग से 'मोदी की लूट' निरंतर जारी रहेगी । बजट में सिर्फ बिहार जैसे चुनावी राज्य पर फोकस था।

असंवेदनशील मोदी सरकार की नीतियां सिर्फ अपने 'मित्रों' को लाभ पहुंचाने और अमीर व गरीब के बीच लगातार खाई बढ़ाने का काम कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट राजस्थान के लोगों की उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फेरने वाला है। इस बजट में न तो किसानों के लिए कोई ठोस राहत दी गई, न ही युवाओं को रोजगार देने की कोई ठोस योजना बनाई गई। राजस्थान कृषि प्रधान और पर्यटन प्रधान राज्य है, उसे फिर से केंद्र की अनदेखी का शिकार होना पड़ा है।

आखिर सरकार कब तक सिर्फ जुमलेबाजी से किसानों को बहलाने का काम करेगी?

राजस्थान के युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। नए उद्योगों की स्थापना हो, स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिले, या तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए, इस पर केंद्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यह दिखाता है कि सरकार को राजस्थान के युवाओं की चिंता ही नहीं है!

ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की बात तो दूर, मौजूदा सरकारी अस्पतालों के लिए भी कोई अतिरिक्त बजट आवंटित नहीं किया गया।

रेलवे और इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में भी राजस्थान को बहुत उम्मीदें थीं। इस पर भी सरकार ने कुछ नहीं किया। नया रेल बजट भी पूरी तरह से निराशाजनक है।

यह बजट सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी और बड़े-बड़े दावों तक सीमित है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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