राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करेंगे वकील,22जिलों के वकीलों ने लिया निर्णय

गाजियाबाद, 6 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों की बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की शुक्रवार को प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत के बहिष्कार का बड़ा निर्णय लिया गया है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि 22 जिलों की बार एसोसिएशनों की आम सभा में सर्वस‌म्मति से 14 दिसंबर को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है। उस दिन सभी अधिवक्ता अपने- अपने जिलों में न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करेंगे।

इसके साथ ही अधिवक्ताओं ने आम सभा में यह भी तय किया है कि गाजियाबाद के जिला जज के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अधिवक्ता जल्द ही सुप्रीम कोर्ट जाकर चीफ जस्टिस ऑफ इं‌डिया को ज्ञापन सौंपेंगे। बार एसोसिएशन गाजियाबाद के सचिव अमित नेहरा ने बताया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही वकीलों की मुलाकात के लिए चीफ जस्टिस ऑफ से समय लेंगे। अमित नेहरा ने कहा कि हम अभी समय मिलने का इंतजार कर रहे हैं, यदि समय नहीं मिल पाया तो वकील एक तारीख की घोषणा कर सुप्रीम कोर्ट पहुंचेंगे और मुख्य न्यायमूर्ति को ज्ञापन सौंपकर न्याय की मांग करेंगे।

29 अक्टूबर को कोर्ट रूम में वरिष्ठ अधिवक्ता नाहर सिंह यादव और जिला जज के बीच जमानत पर पहले सुनवाई की मांग पर तीखी नोंकझोंक होने के बाद विवाद बढ़ गया था। विवाद की सूचना पर सैकड़ों अधिवक्ता कोर्ट रूम में पहुंच गए थे और अधिवक्ता से दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए आक्रोशित हो गए थे। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने वकीलों से कोर्ट रूम से बाहर निकलने को कहा और उनके न निकलने पर लाठी चार्ज कर दिया। इस पर वकीलों में रोष व्याप्त हो गया। वकील जिला जज के तबादले या निलंबन के साथ ही दोषी पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग को लेकर बेमियादी हड़ताल पर हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को वेस्ट यूपी के 22 ‌जिलों की बार एसोसिएशनों के पदाधिकारियों की आमसभा बुलाई गई थी।

उधर गाजियाबाद कचहरी में वकीलों की हड़ताल के बावजूद न्यायिक अधिकारी मुकदमों की सुनवाई कर रहे हैं। शुक्रवार को 59 अदालतों में कुल 490 मामलों में सुनवाई की गई। पांच मामलों में आरोप भी तय हुए, जबकि 40 मामलों में जमानत के प्रार्थना पत्र का निस्तारण किया गया। परिवार न्यायालय में चार मामले निस्तारित हुए। इसके अलावा 109 वाहन चालान के मामले निस्तारित किए गए। इसके साथ ही 91 मामलों में अदालतों ने पुलिस द्वारा पेश की गई अंतिम रिपोर्ट स्वीकार की है, जबकि अलग-अलग प्रकृति के 60 नए वाद भी दाखिल हुए। जमानत अर्जी संबंधित 25 मामलों में सुनवाई डेट दी गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली

   

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