एनपीएस के विरोध में शिक्षकों-कर्मचारियों ने मनाया काला दिवस, बड़े आंदोलन की तैयारी

गोपेश्वर, 01 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के आह्वान पर मंगलवार को नई पेंशन योजना (एनपीएस) के विरोध में काला दिवस मनाया गया।

संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष पीएस फरस्वाण ने बताया कि चमोली में सोमवार को जिलाधिकारी की ओर से सार्वजनिक अवकाश घोषित होने के बावजूद शिक्षक तथा कर्मचारियों ने प्रांतीय नेतृत्व के निर्देशानुसार काली टोपी, काला मास्क पहनकर तथा काला फीता बांधकर काला दिवस मनाया। उत्तराखंड राज्य में 01 अक्टूबर 2005 को शिक्षक-कर्मचारियों की पुरानी जीएफ पेंशन को बंद कर नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की गई थी। उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना से आच्छादित शिक्षक कर्मचारी जैसे-जैसे सेवानिवृत्त होते गए, उनको एनपीएस के तहत जो पेंशन मिली और मिल रही है उससे उनका एक दिन का गुजारा भी नहीं हो पा रहा है। लंबे समय से पुरानी जीपीएफ पेंशन की बहाली के लिए आंदोलित हैं। कई गैर भाजपा शासित राज्यों में कर्मचारी हितैषी सरकारों ने पुरानी जीपीएफ पेंशन ज्यों की त्यों बहाल कर की दी, लेकिन भाजपा शासित और भाजपा से गठबंधन कर सरकार चलाने वाले राज्यों ने आज तक कोई विचार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जब तक ओपीएस लागू नहीं हो जाता तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। एनपीएस के विरोध में मंगलवार को सभी शिक्षक-कर्मचारियों ने रात्रि आठ से नौ बजे तक अपने घरों की लाइट बंद रखा। जिला महासचिव सतीश कुमार ने बताया कि प्रांतीय नेतृत्व जल्द एक बड़ा आंदोलन करने जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / जगदीश पोखरियाल

   

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