भालू ने महिला की खोपड़ी तोड़ी-आंखें बाहर निकली, हॉस्पिटल में तोड़ा दम

जयपुर, 1 दिसंबर (हि.स.)। सिरियारी कस्बे के निकट जूनी फुलाद गांव में भालू के हमले में 35 साल की महिला की मौत हो गई। हमले में महिला की आखें बाहर निकल गई। सिर से चमड़ी समेत बाल उखाड़ दिए। यह इलाका पाली जिला मुख्यालय से 73 किलोमीटर की दूरी पर है।

महिला संतोष का चेहरा भालू ने बुरी तरह नोच लिया। बांगड़ हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई।

महिला संतोष का चेहरा भालू ने बुरी तरह नोच लिया। बांगड़ हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई।

फुलाद गांव निवासी राजेंद्र सिंह ने बताया कि महिला संतोष देवी पत्नी राम सिंह रावत सुबह बेटे तेजराज के साथ जंगल में लकड़ियां लेने गई थी। पर्वतसिंह की धूणी (मंदिर) के पास वह लकड़ियां तोड़ रही थी। इस दौरान जंगल से निकले भालू ने अचानक उस पर हमला कर दिया। भालू को मां पर हमला करते देख बेटा तेजराज चिल्लाते हुए भागा। चीख पुकार सुन मंदिर का पुजारी और आसपास खेत में काम कर रहे लोग दौड़े।

लोग पहुंचे इससे पहले ही भालू भाग चुका था। लहूलुहान हालत में संतोष मौके पर तड़प रही थी। परिजन महिला को मारवाड़ हॉस्पिटल ले गए, जहां हालत गंभीर होने पर पाली के बांगड़ हॉस्पिटल रेफर कर दिया। इलाज के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया।

राजेंद्र ने बताया कि महिला संतोष का पति राम सिंह रावत अहमदाबाद (गुजरात) में होटलकर्मी है। संतोष के एक बेटी वीणा (14), बेटा राजवीर (12) और तेजराज (8) हैं।

पाली के जोजावर, देसूरी और फुलाद वन रेंज में भालू पाए जाते हैं। जोजावर रेंज के रेंजर विजेंद्र सिंह डाबी ने बताया कि भालू किसी भी इंसान को देख खतरा महसूस करता है। इसलिए हमला कर देता है। जहां घटना हुई (पर्वतसिंह की धूणी) वह भी वन एरिया में ही आता है।

बांगड़ हॉस्पिटल के डॉ. जेपी रांगी ने बताया कि महिला को जब लाए उसकी हालत बहुत खराब थी। भालू ने महिला की खोपड़ी और नाक तोड़ दी थी। आंखें बाहर निकाल दी थी। पूरा चेहरा बुरी तरह नोचा गया था। सिर की चमड़ी हटी हुई थी। पेट और गर्दन पर भी गहरे घाव थे। पहली बार ऐसा देखा है कि भालू ने किसी इंसान को इतनी बुरी तरह नोचा कि उसकी मौत हो गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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