बिजली विभाग की राहत योजना आज से शुरू, बकाएदारों को मूलधन में 25 फीसदी तक की राहत
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- Dec 01, 2025
महोबा, 1 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में आज से बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की शुरुआत हो गई है। शासन के निर्देश पर विभाग ने आज 1 दिसंबर से एकमुश्त समाधान योजना OTS लागू कर दी है। योजना का उद्देश्य लंबे समय से बकाया बिजली बिलों के बोझ से दबे घरेलू और छोटे व्यावसायिक उपभोक्ताओं को राहत देना है। सरकार की इस योजना से हजारों लाखों उपभोक्ताओं को फायदा मिलने की उम्मीद है। प्रथम चरण में यह योजना 31 दिसंबर तक चलेगी। जिसमें मूलधन पर 25 फीसदी की छूट का लाभ मिल सकेगा।
जनपद में योजना के तहत 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में कैंपों का आयोजन किया जाएगा। बकाया बिलों के शत प्रतिशत भुगतान कराने की जिम्मेदारी अवर अभियंताओं सौंपी गई है। जिले भर में 81439 उपभोक्ताओं का 496 करोड़ का बकाया है। जबकि शहरी क्षेत्र में 26 हजार उपभोक्ता बड़े बकाएदार हैं। जिसमें कुछ उपभोक्ता तो ऐसे हैं, जिन्होंने कनेक्शन लेने के बाद आज तक कभी बिल का भुगतान नहीं किया है।ग्रामीण क्षेत्रों में 55439 उपभोक्ताओं का 329 करोड़ बकाया है।
अधीक्षण अभियंता लक्ष्मी शंकर ने बताया कि यह उपभोक्ताओं के लिए हितकारी योजना है, जिसका लाभ लेकर अपने बकाए से छुटकारा पा सकते हैं। साथ ही पहले चरण में योजना का लाभ लेने पर शत प्रतिशत सरचार्ज जबकि मूलधन में 25 फीसदी की छूट मिलेगी। जिलेभर में कैंपों का आयोजन किया जा रहा है।
शत प्रतिशत वसूली की अवर अभियंताओं को जिम्मेदारी
विद्युत वितरण उपखण्ड कुलपहाड़ के उपखण्ड अधिकारी प्रदीप कुमार ने रविवार को जानकारी देते बताया कि ओटीएस योजना बकायेदार उपभोक्ताओं के लिए एक लाभकारी योजना है। एकमुश्त समाधान योजना के तहत उपभोक्ताओं से अपने अपने बकाया बिलों के भुगतान की अपील की गई है। इस दौरान उन्होंने बताया कि 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक 28 दिन क्षेत्र के कुलपहाड़, जैतपुर,सिरमौर, अजनर, भटेवरा खुर्द, आमनपुरा, लाड़पुर समेत अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में कैंपों का आयोजन किया जाएगा। जिसके लिए अवर अभियंताओं की ड्यूटी लगाई गई है। योजना का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। बकाया बिलों के शत प्रतिशत भुगतान कराने की जिम्मेदारी अवर अभियंताओं को सौंपी गई है। सभी को समय से अपने अपने कार्य क्षेत्र में पहुंचने के निर्देश दिए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र द्विवेदी



