भारत-नाइजीरिया यूथ कनेक्ट सम्मेलन में युवा नेतृत्व और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर रहा जोर

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (हि.स.)। भारत-नाइजीरिया यूथ कनेक्ट आभासी सम्मेलन में शनिवार को दोनों देशों के प्रमुख नेताओं, वक्ताओं और युवाओं सहित 120 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। एक दिवसीय इस सम्मेलन में युवा नेतृत्व, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, उद्यमिता और महिला सशक्तीकरण से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई जिससे दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंध को मजबूती मिलेगी।

सम्मेलन का आयोजन नाइजीरिया संघीय गणराज्य के उच्चायोग के सहयोग से चकबल ग्रुप के तत्वावधान में किया गया। नाइजीरिया संघीय गणराज्य उच्चायुक्त (प्रभारी) अहमद तिजानी ओ. लावल ने दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों पर जोर देते हुए युवाओं के बीच अधिक सहयोग की आवश्यकता की बात कही। उन्होंने दोनों देशों के लिए समृद्ध भविष्य को आकार देने में उद्यमिता, शिक्षा और कौशल विकास की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इन सबके साथ आज के युवा वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए विशिष्ट रूप से तैयार हैं। भारत में नाइजीरियाई छात्र शिक्षा और तकनीकी प्रगति से लाभ उठाने के साथ ही सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों से सीमा पार निवेश और अवसरों के लिए रास्ते बना सकते हैं।

चकबल ग्रुप के चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक सुदीप चक्रवर्ती ने अपने संबोधन में भविष्य के नेताओं के निर्माण में युवा-संचालित पहल के महत्व पर जोर दिया गया। उन्होंने इस सम्मेलन में युवा शक्ति और महिला सशक्तीकरण को लेकर कई विषयों पर चर्चा की। अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के आयोजन सचिव श्रीहरि बोरिकर ने सामाजिक परिवर्तन में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कौशल विकास और शिक्षा के निवेश के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन सचिव आशीष चौहान ने भारत-नाइजीरिया संबंधों को मजबूती देने में सहायक शैक्षिक सुधारों और छात्र विनिमय कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलन छात्रों को राष्ट्रीय विकास के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने आईसीसीआर छात्रवृत्ति जैसे अधिक अकादमिक विनिमय कार्यक्रमों की भी वकालत की, जो दोनों देशों के छात्रों को अकादमिक रूप से एक आवश्यक माध्यम प्रदान करते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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