रायपुर, 4 अक्टूबर (हि.स.)। राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, रायपुर के तत्वावधान में आज शुक्रवार काे संयुक्त हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में 07 केन्द्रीय कार्यालय शामिल थे। नेहरू युवा केन्द्र संगठन, राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान, नागरीय विमानन एवं सुरक्षा ब्यूरो, अंतर राज्य पुलिस बेतार केंद्र, एमएसटीसी, एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, केन्द्रीय जल आयोग, के 40 से अधिक राजपत्रित अधिकारियों ने भाग किया।
कार्यशाला की अध्यक्षता ने करते हुए राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान के कार्यालय प्रमुख, एस. सुब्रमणियम ने कहा कि हिन्दी भाषा देश की प्रगति को दर्शाती है । अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया की हिन्दी प्रवीणता पदोन्नति के लिए भी सहायक होती है । हिन्दी राजभाषा की गंभीरता को समझते हुए सभी को राजभाषा अधिनियम का अनुसरण करना चाहिए।
कार्यशाला के प्रथम वक्ता के रूप में निकेश पाण्डेय, सचिव, नराकास, रायपुर एवं राजभाषा अधिकारी, मण्डल कार्यालय, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने बताया की संविधान के अनुच्छेद 343 से 351 हिन्दी राजभाषा से संबंधित उल्लेख किया गया है । उन्होंने बताया कि हिन्दी राजभाषा को सशक्त करने के लिए 1963 में अधिनियम आया जिसका पालन प्रत्येक केन्द्रीय शासित कार्यालय को करना अनिवार्य है।
कार्यशाला के दूसरे वक्ता गोपाल प्रसाद, सहायक निदेशक, राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान ने विभिन्न कार्यालीन रिपोर्ट लेखन और हिन्दी में टिप्पणी/आलेखन के बारे में चर्चा की। उन्होंने प्रशासनिक भाषा व शब्दावली पर विशेष बल दिया। उन्होंने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य ‘क’ क्षेत्र में आता है, जिस वजह से राजभाषा हिंदी के प्रचार प्रसार व प्रशासनिक भाषा में कार्यालीन क्षमता संवर्धन करने के लिए इस तरह की कार्यशाला बहुत महत्वपूर्ण है।
नेहरू युवा केंद्र, रायपुर के जिला युवा अधिकारी, अर्पित तिवारी ने द्वारा गृह मंत्रालय, भारत सरकार का अनुवाद टूल कंठस्थ 2.0 के संबंध में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि ट्रांसलेशन मेमोरी पर आधारित यह सिस्टम भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन राजभाषा विभाग के लिए विकसित किया गया है । इस सिस्टम के माध्यम से अंग्रेजी से हिंदी तथा हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद संभव है। तिवारी कहा कि सभी कार्यालय एक दूसरे से जुड़े रहते है व अधिकारी अलग-अलग प्रांत से आते हैं तो ऐसी कार्यशाला से एक ही स्थान पर विभिन्न कार्यालय के समावेश से कार्यों में सहयोग, समन्वय व् एकजुटता स्थापित होती है।
हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्र नारायण शुक्ल