हिसार : सवा लाख हनुमान चालीसा पाठ में सालासर से लाई गई ज्योत से प्रज्जवलित की गई 108 ज्योत
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- Nov 09, 2024
देवी भवन में आयोजित 14वें संगीतमय सवा लाख श्री हनुमान चालीसा पाठ में उमड़े श्रद्धालु
सवा लाख श्री हनुमान चालीसा पाठ में वितरित किया सवा मण चूरमे का प्रसाद, गायकों ने भजनों से बांधा समां
हिसार, 9 नवंबर (हि.स.)। श्री हनुमंत शक्ति जागरण समिति के तत्वावधान में 14वां संगीतमय सवा लाख श्री हनुमान चालीसा पाठ देवी भवन में धूमधाम से आयोजित किया गया। इस आयोजन में विभिन्न क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेकर अपनी आस्था जताते हुए इष्ट की आराधना की। शनिवार को सालासर से लाई गई ज्योत से 108 ज्योत प्रज्जवलित की गई और ध्वजारोहण के साथ श्री हनुमान चालीसा पाठ की शुरूआत हुई। इस दौरान श्री हनुमान का भव्य दरबार व प्रेम मंदिर का दिव्य दरबार विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
अयोध्या में श्रीरामलला के मंदिर निर्माण की कामना के साथ 14 वर्ष पूर्व शुरू किए गए संगीतमय सवा लाख श्री हनुमान चालीसा पाठ में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, छत्रपति शिवाजी स्मारक समिति, हिंदवी सेना, श्री प्रभुभक्त संकीर्तन मंडल, महिला समिति, कई सामाजिक व धार्मिक संगठन, अनेक विद्यालयों के हजारों विद्यार्थी, अनेक महिला कीर्तन मंडलियां व बहुत से सत्संग समूह ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। खास बात है कि यह अनुष्ठान इसी भांति हर वर्ष पूरी आस्था के साथ आयोजित किया जाता है।
इस आयोजन के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, कमल सर्राफ, सुरेंद्र लाहौरिया, राहुल गर्ग, प्रवीन पोपली, कृष्ण बिश्नोई, श्री हनुमंत शक्ति जागरण समिति के अध्यक्ष अनिल गोयल, रविंद्र गोयल, कपिल वत्स, ममता सोनी, दीपक कुमार, अमर चौधरी, विजय नागपाल, लता सिंगल, मनोरमा गुप्ता व रामशंकर शर्मा सहित काफी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।
हनुमान चालीसा पाठ के लिए देवी भवन के गोयंका सेवा सदन को विशेष रूप से सजाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं में सवा मण चूरमे का प्रसाद वितरित किया गया और सीता रसोई में भंडारे प्रसाद की समुचित व्यवस्था रही। विभिन्न क्षेत्रों से पधारे गायकों ने भजनों के माध्यम से हनुमान जी की महिमा का गुणगान करके समां बांध दिया। वीर हनुमान की गाथा सुनकर भक्तगण झूमने व नाचने लगे और पूरा देवी भवन परिसर जय श्रीराम, जय बजरंग बली व जय हनुमान के उदघोष से गुंजायमान हो उठा। इस आयोजन की खास बात यह रही कि समरसता स्थापित करने के लिए विभिन्न घरों से चना, घी, सूजी व मसाले आदि भंडारे के लिए मंगवाए गए और हनुमान चालीसा पाठ का पुण्यफल गोमाता की सेवा को समर्पित किया गया। इस दौरान 501 दीपकों से की गई महाआरती में सभी श्रद्धालु वीर हनुमान के चल विग्रह के समक्ष नतमस्तक हो गए।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर