दिव्यांग बच्चों के लिए आगामी बजट में सरकार लाएगी नई योजना : मुख्यमंत्री
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- Dec 09, 2024
मुख्यमंत्री ने 6.67 करोड़ से बने बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के आवासीय विद्यालय का किया उद्घाटन
शिमला, 9 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य के वितीय वर्ष 2025-26 के बजट में दिव्यांग बच्चों के कल्याण के लिए नई योजना लाने जा रही है। राज्य सरकार ने पहले बजट में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना और दूसरे बजट में प्रदेश में विधवाओं के 23 हजार बच्चों को शिक्षा का पूरा खर्च उठाने का प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री सुक्खू सोमवार को शिमला के हीरानगर में 6.67 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित बौद्धिक रूप से दिव्यांग बच्चों के विशेष आवासीय विद्यालय के उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश निराश्रित बच्चों की उचित देखभाल एवं शिक्षा के लिए कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बना है। प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू कर उन्हें ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है। इन बच्चों की पढ़ाई के खर्च के अतिरिक्त प्रदेश सरकार उन्हें जेब खर्च के लिए 4 हजार रुपये प्रतिमाह प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत गत दो वर्षों में प्रदेश में 38.50 करोड़ रुपये के लाभ दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पहले बजट में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना आरंभ की गई। दूसरे बजट में प्रदेश में विधवाओं के 23 हजार बच्चों को शिक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करने का प्रावधान किया गया है। अब तीसरे में बजट में बौद्धिक रुप से दिव्यांग बच्चों के लिए विस्तृत योजना का प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए इन बच्चों के अध्यापकों से भी चर्चा की जाएगी, ताकि उनकी जरूरतों का समावेश योजना में किया जा सके।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हीरानगर में प्रदेश का पहला विशेष आवासीय स्कूल है, जो 6-18 वर्ष की आयु के बौद्धिक रूप दिव्यांग बच्चों के लिए निर्मित किया गया है। उन्होंने कहा कि बौद्धिक रूप से दिव्यांग बच्चों को निःशुल्क गुणात्मक शैक्षणिक और व्यवसायिक शिक्षा सहित आवासीय सुविधाओं से युक्त यह प्रदेश का पहला संस्थान है। स्कूल ब्लॉक में आधुनिक सुविधाओं वाली 16 कक्षाओं सहित कम्प्यूटर लैब, संगीत कक्ष, एक बहुउद्देशीय हॉल, हॉस्टल ब्लॉक में 50 बच्चों के लिए छात्रावास के साथ-साथ चिकित्सा कक्ष तथा कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान है और इसी को देखते हुए जिला सोलन के कंडाघाट में नौ हजार दिव्यांगजनों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए उत्कृष्ट केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य दो वर्षों में पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगों को शिक्षित व प्रशिक्षित कर समाज में सम्मानपूर्ण स्थान दिलाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। राज्य सरकार जिला मंडी के सुंदरनगर और कांगड़ा जिला के लुथान में 92.33 करोड़ रुपये की लागत से 400 आश्रितों की आवासीय क्षमता के मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सुख आश्रय परिसरों का निर्माण कर रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा