गढ़चिरौली को महाराष्ट्र का नंबर वन जिला बनाएंगेः मुख्यमंत्री फडणवीस

- स्टील हब बनने की दिशा में मजबूत कदम

मुंबई, 22 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि गढ़चिरौली को 'स्टील हब ऑफ इंडिया' बनाने की दिशा में ठोस प्रगति हो रही है और यहां लोहे पर आधारित उद्योगों से बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में यहां प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी और गढ़चिरौली महाराष्ट्र का नंबर एक जिला बनेगा।

कोनसरी में लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड (एलएमईएल) की विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन एवं भूमिपूजन समारोह में मुख्यमंत्री फडणवीस बोल रहे थे। उद्घाटन परियोजनाओं में हेडरी स्थित 5 मिलियन टन प्रतिवर्ष क्षमता का आयरन ओर ग्राइंडिंग प्लांट, हेडरी से कोनसरी तक 85 किमी लंबी 10 मिलियन टन प्रतिवर्ष क्षमता की स्लरी पाइपलाइन और कोनसरी में 4 मिलियन टन प्रतिवर्ष क्षमता का पेलेट प्रोजेक्ट शामिल है। भूमिपूजन की गई परियोजनाओं में कोनसरी में 4.5 मिलियन टन क्षमता वाला एकीकृत स्टील प्रोजेक्ट, 100 बेड का अस्पताल, सीबीएसई स्कूल और सोमनपल्ली में कर्मचारियों के लिए रिहायशी कॉलोनी शामिल है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि 2016 से कई चुनौतियों को पार कर गढ़चिरौली में लौह खनन की शुरुआत हुई। खनन की अनुमति इस शर्त पर दी गई थी कि जिले को केवल संसाधन के रूप में नहीं देखा जाएगा बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और क्षेत्र में ही औद्योगिक विकास हो। अबतक 14,000 स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है, जिसमें हाउसकीपिंग से लेकर एलएनजी ट्रक ड्राइवर जैसे पदों पर महिलाएं भी कार्यरत हैं। फडणवीस ने कहा कि ग्रीन गढ़चिरौली की संकल्पना के अंतर्गत 80 किलोमीटर लंबी स्लरी पाइपलाइन से प्रदूषण में लगभग 55 फीसदी की कमी आएगी। महाराष्ट्र की यह पहली और देश की चौथी स्लरी पाइपलाइन होगी। आरोग्य और शिक्षा की सुविधाएं भी गढ़चिरौली में ही सुनिश्चित की जाएंगी। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी ताकि लोगों को बाहर न जाना पड़े।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव

   

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