सरकार जलीय जंतुओं के समुचित संरक्षण एवं रखरखाव के लिए प्रतिबद्ध : वन राज्यमंत्री

जयपुर, 11 मार्च (हि.स.)। वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि सरकार जलीय जंतुओं के समुचित संरक्षण एवं रखरखाव के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में राष्‍ट्रीय चम्‍बल घड़ियाल अभयारण्‍य की सीमा में गिर रहे गन्‍दे नालों के पानी रोकने के लिए 28 मई 2024 को नगर निगम आयुक्त कोटा (दक्षिण) को पत्र लिखा गया है।

वन राज्यमंत्री प्रश्नकाल में पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि कोटा व केशवरायपाटन के गन्दे नालों के पानी को फिल्टर करने की योजना के सम्बन्ध में विभाग को प्रस्‍ताव यूजर एजेन्‍सी के माध्‍यम से परिवेश पोर्टल पर प्राप्‍त नहीं हुआ है। पोर्टल पर प्रस्ताव प्राप्त होने पर वन विभाग द्वारा अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

विधायक संदीप शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में वन राज्यमंत्री ने बताया कि राष्‍ट्रीय चम्‍बल घड़ियाल अभयारण्‍य का क्षेत्र जवाहर सागर बांध से कोटा बैराज तक चम्‍बल नदी के किनारे से दोनों और एक किलोमीटर तक स्थित है। उन्होंने बताया कि चम्‍बल नदी में गन्‍दा पानी गिरने पर अभयारण्‍य में जलीय जन्‍तुओं पर पड़ने वाले प्रभाव के संबंध में भारतीय वन्‍य जीव संस्‍थान देहरादून से परीक्षण करवाया जा रहा है। इस परीक्षण की अंतरिम रिपोर्ट में गन्‍दे पानी से जलीय जन्‍तुओं पर प्रभाव के बारे में ‘रिलीजिंग पोल्यूटेड वाटर इंटू चंबल रिवर मे हैव सीरियस इंप्लीकेशंस फॉर द एक्वेटिक इकोलॉजी ऑफ द नेशनल चंबल सेंचुरी’ अंतिम रिपोर्ट मिलना अपेक्षित है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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