बॉर्डर पर खड़े बीएसएफ जवानों पर किसी को सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं  : शाह

- बीएसएफ के स्थापना दिवस समारोह में अमित शाह ने परेड का निरीक्षण किया

जाेधपुर, 08 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को बीएसएफ के स्थापना दिवस समारोह में कहा कि सीमा सुरक्षा बल 'फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस' के नाम से जानी जाती है। इन्हीं के भरोसे अजेय भारत का विश्वास 140 करोड़ भारतवासियों के दिलों में पैदा हुआ है। इसका पूरा श्रेय सीमा पर खड़े हुए बीएसएफ जवानों को जाता है और किसी को इन पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सीमा से जब भी कोई अप्रिय घटना की सूचना आती है तो गृह मंत्री को जरा भी चिंता नहीं होती। यही भरोसा रहता है कि हमारे बीएसएफ के जवान निपट लेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को जोधपुर में सीमा सुरक्षा बल के 60वें स्थापना दिवस (राइजिंग डे) परेड में शामिल हुए। उन्होंने परेड का निरीक्षण किया।

गृह मंत्री को सुबह बीएसएफ की जीप में एसटीसी स्थित परेड ग्राउंड के मुख्य मंच तक लाया गया। गृह मंत्री ने कहा कि जवान अपने जीवन का स्वर्णकाल माइनस 43 डिग्री के तापमान से लेकर प्लस 43 डिग्री टेम्प्रेचर तक के वातावरण में बिताता है।

न आप बच्चों की देखभाल कर पाते हैं, न बूढ़े माता-पिता की सेवा कर पाते हैं।

तपते रेगिस्तान, घने जंगलों और बर्फ में भी आपने अपनी ड्यूटी निभाई है।

जब देश सो रहा होता है, तब आप पहली पंक्ति के रूप में देश की सेवा करते हैं।

आपका ये बलिदान अहसास दिलाता है कि भारत अजेय है। इसको कोई नहीं हरा सकता है।

गृह मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में ड्रोन की समस्या और गहराने वाली है।

ऐसे में देश के सभी सीमा सुरक्षा बल, रक्षा विभाग, डीआरडीओ और सारे सुरक्षा विभाग ने मिलकर एक लेजर युक्त गन माउंट एंटी ड्रोन प्रणाली विकसित की है।

अभी यह प्रायोगिक स्तर पर शुरू किया है। इसके प्राथमिक परिणाम बेहद अच्छे आए हैं।

इससे पंजाब बॉर्डर पर 55 हमलों को रोका गया है।

उन्हाेंने कहा कि हमने तीन हजार गांवों में प्रायोगिक रूप से वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम शुरू किया है।

सीमा सुरक्षा बल की ओर से ओखा (गुजरात) में देश की पहली नेशनल कोस्टल पुलिस एकेडमी की स्थापना की गई है।

हमारी जल सीमाओं की सुरक्षा में तैनात राज्य की पुलिस और सीमा सुरक्षा बल दोनों की ट्रेनिंग यहां कराई जा रही है।

इसके साथ-साथ संवेदनशील इलाकों में व्यापक सुरक्षा प्रणाली लेकर आए हैं।

बीएसएफ में कॉम्प्रिहेंसिव इंट्रीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में धुबरी (असम) में शुरू किया है। इसे पाकिस्तान और बांग्लादेश की बॉर्डर पर लगाया जाएगा।

बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बड़ी राशि दी जा रही है।

शाह ने कहा कि 2024 में बीएसएफ ने जाली मुद्रा, नारकोटिक्स, घुसपैठ और वामपंथी उग्रवाद के सामने लड़ने का रिकॉर्ड बनाया है।

मुझे विश्वास है कि आप ये सारे काम आगे भी करते रहेंगे। भारत सरकार ने हर बजट में बहुत बड़ी राशि बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए दी है।

बांग्लादेश की सीमा पर 591 किलोमीटर की बाड़बंदी, 1129 किलोमीटर पर फ्लड लाइट्स लगाई गई हैं।

दूर-दराज के क्षेत्रों में गांवों की कनेक्टिविटी बढ़ाने का प्रयास किया है।

सीमा पर वाइब्रेंट विलेज की शुरुआत हुई है। उत्तरी सीमा में कई वाइब्रेंट विलेज (विशेष सुविधाओं से लैस) बनाए हैं। इससे पलायन की समस्या खत्म हुई है। परेड में वीरता पदक और पीपीएमडीएस ट्रॉफियां दी गईं।

चार वीरता पदक, एक जीवन रक्षा, छह पुलिस सेवा पदक और जनरल चौधरी ट्रॉफी समेत तमाम सम्मान दिए गए।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह के सामने कदम से कदम मिलाते हुए बीएसएफ के जवानाें ने अपने अनुशासन और एकता का प्रदर्शन किया।

परेड के ठीक पीछे बीएसएफ के जवानाें ने हथियारों की प्रदर्शनी की। इसमें जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल और एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन किया गया।

परेड से पहले बीएसएफ विंग के स्वदेशी हेलीकॉप्टर ध्रुव ने आसमान से सुरक्षा का जायजा लिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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