शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने देश के सभी प्रदेशों के गोप्रभारियों को रवाना किया

—गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने का संकल्प,सभी जिलों में प्रतिष्ठित होगा गौध्वज

वाराणसी,09 नवम्बर (हि.स.)। ज्योतिषपीठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शनिवार को केदारघाट स्थित श्री विद्यामठ से देश के सभी प्रदेशों के गोप्रभारियों को गौध्वज दिखाकर रवाना किया। इसके पहले मठ में गोपाष्टमी पर आयोजित गोष्ठी में शंकराचार्य ने धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज को स्मरण किया। स्वामी करपात्री जी के नेतृत्व में 1966 में हुए गौरक्षा आंदोलन को याद कर शंकराचार्य ने गोभक्त बलिदानियों को श्रद्धांजलि भी दी।

गोष्ठी में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि वर्तमान संवत्सर को गौ संवत्सर के रूप में घोषित किया है, जिसके अंतर्गत गो प्रतिष्ठा आंदोलन के अगले क्रम में अब जिला स्तर, विधानसभा स्तर पर गो ध्वज की स्थापना की जाएगी । इसके लिए उन्होंने सभी प्रदेश के प्रभारियों को गो ध्वज प्रदान किए। उन्होंने बताया कि आगामी 14 जनवरी से 14 फरवरी तक प्रयागराज माघ मेले में 324 कुंडीय यज्ञ का आयोजन होगा, जो निरंतर एक माह तक गौ— प्रतिष्ठा के लिए चलता रहेगा, जिसमें सम्पूर्ण भारत से करोड़ों लोग सम्मिलित होंगे। गो गोष्ठी में यह भी निश्चित किया गया कि सभी निर्वाचित सांसदों के दरवाजों पर गो सांसद ग्रीष्मकालीन सत्र से 15 दिन पूर्व धरना-प्रदर्शन करेंगे। इस धरना प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य निर्वाचित सांसदों से अपेक्षा की जाएगी कि स्वयं को गोभक्त या गोद्रोही घोषित करें। उन्होंने बताया कि इसी गोसंवत्सर के पूर्ण होने के पहले 27 मार्च 2025 को वाराणसी में गो महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सम्पूर्ण भारत से 1.25 करोड़ गोभक्त सम्मिलित होंगे। इस अवसर पर सम्पूर्ण राष्ट्र के सनातनी गोभक्तों, गो प्रतिष्ठा के लिए सतत संघर्ष करने वाले आंदोलनकारियों, गोरक्षकों को सम्मानित किया जाएगा तथा सम्पूर्ण भारत में कम से कम 33 करोड़ गो मतदाताओं को शपथ दिलाने का अभियान तेज किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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