हरदोई: कनिष्क मेहरोत्रा हत्याकांड में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सहित चार गिरफ्तार

Vakeel kanishka mehrotra hstyakand ka khulasa

हरदोई, 02 अगस्त (हि.स.) जनपद में बीते दिनों हुई अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा की हत्या का शुक्रवार को खुलासा करते हुए पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले एक आरोपित को पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने पत्रकारों को बताया कि 30 जुलाई को हुए इस वीभत्स हत्याकांड की पृष्ठभूमि वर्ष 2011 से बन रही थी। पश्चिमी थोक सराय निवासी आदित्यभान, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ग्राम बरगदापुर निवासी वीरेन्द्र सिंह उर्फ वीरे, धर्मशाला निवासी शिखर गुप्ता और रानगर कॉलोनी निवासी नृपेन्द्र त्रिपाठी ने मिलकर कनिष्क महरोत्रा के किराए के मकान को खाली कराने के क्रम में इस घटना को अंजाम दिया।

इसके लिए आदित्य भान सिंह और वीरेन्द्र सिंह उर्फ वीरे यादव से रामू महावत मिला था। रामू महावत इससे पूर्व सभी के साथ डेरी का काम कर चुका था। आदित्य भान सिंह, वीरे यादव, शिखर गुप्ता, नृपेन्द्र त्रिपाठी ने मिलकर रामू महावत के साथ कुल चार लाख रुपये की डील की थी।

रामू महावत ने जोगीपुरा निवासी रामसेवक उर्फ लल्ला, राजवीर और झरोड्या निवासी नीरज से सम्पर्क कर घटना को अंजाम देने के लिये तैयार किया। आदित्य, वीरे, शिखर व नृपेन्द्र बीच—बीच में घटना को अंजाम देने के लिये आपस में मिलते भी थे। इन चारों की अधिकतर मीटिंग रफी अहमद चौराहे के आस पास ही होती थी। घटना को अंजाम देने के लिये एडवान्स पेमेन्ट लगभग दो माह पूर्व एक लाख 40 हजार रूपये दिया गया था। जिसमे से 50 हजार रूपये नृपेन्द्र ने 50 हजार रूपये वीरे ने व 40 हजार रूपये आदित्य ने दिये थे। शिखर ने काम होने के बाद अपना हिस्सा देने की बात कही थी। आदित्य ने पल्सर मोटर साईकिल को उपलब्ध कराया था। घटना वाले दिन रामसेवक उर्फ लल्ला, राजवीर और नीरज जोगीपुर में इकट्ठा हुये थे। रामसेवक ने उस दिन आदित्य को फोन किया था कि हम लोग आज काम करने जा रहे हैं। रामसेवक उर्फ लल्ला, राजवीर और नीरज दिन में कई बार शराब के ठेकों पर गये और शराब पी। इसके बाद मृतक के घर पहुंचे। राजवीर मोटर साइकिल लेकर बाहर खड़ा रहा और लल्ला और नीरज घर के अंदर जाकर मुंशी से कार्य के लिये बताकर वकील कनिष्क के कमरे में पहुंचा। लल्ला ने कनपटी पर गोली मार दी, इसके बाद तीनों मोटर साईकिल से लखनऊ चुंगी से बिलग्राम चुंगी पहुंचे। यहाँ से जोगीपुर गांव गये। घटना के बाद लल्ला ने उसी मोबाइल नम्बर से आदित्य को फोन किया कि काम हो गया है। नीरज ने अपनी पहचान छिपाने के लिये उसी दिन शाहजहाँपुर रोड स्थित एक नाई की दुकान पर अपने बाल कटवा लिये।

घटना के बाद हत्यारों की तलाश में जुटी थाना कोतवाली,स्वाट,एसओजी व सर्विलांस टीम ने प्रकाश में आये अभियुक्त नीरज एक अगस्त की सुबह मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। न्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी थे। शुक्रवार को सूचना पर पुलिस ने वांछित अभियुक्त आदित्य भान सिंह उर्फ लालू सिंह, वीरेन्द्र सिंह उर्फ वीरे यादव, शिखर गुप्ता व नृपेन्द्र त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों द्वारा मकान खाली कराने के विवाद को लेकर आपराधिक षडयंत्र करके वकील की हत्या की गई थी थी। वारदात में फरार शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

हिन्दुस्थान समाचार

   

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