शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर से प्रारंभ, नवमी और विजय दशमी 12 अक्टूबर को

हरिद्वार, 28 सितंबर (हि.स.)। शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र इस वर्ष 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। इस बार तीसरा नवरात्र अत्यंत महत्वपूर्ण है और सत्ता पक्ष के लिए लाभदायक माना जा रहा है।

भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी, कनखल के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पं. प्रतीक मिश्रपुरी के अनुसार शारदीय नवरात्र शक्ति पूजा के लिय सर्वोत्तम माने गए हैं। इस वर्ष नवमी और विजय दशमी एक साथ 12 अक्टूबर को पड़ेंगे, जिस दिन अपराजिता का पूजन भी होगा। अष्टमी तिथि 11 अक्टूबर को होगी।

इन नवरात्रों के दाैरान दुर्गा, लक्ष्मी, काली, चामुंडा, दस महाविद्या, नव दुर्गा, वन देवी इत्यादि की पूजा विशेष रूप से की जाती है। श्री मिश्रपुरी के अनुसार, नवरात्र में कुमारी पूजन का सबसे अधिक महत्व है। किसी भी जाति की कन्या को भोजन कराया जा सकता है। कुमारी पूजा आरोग्य, धन, यश की प्राप्ति होती है।

3 अक्टूबर गुरुवार को प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना सिंह लग्न या कन्या लग्न करना उचित होगा। सिंह लग्न प्रात: 5 बजे तक होगा। कन्या लग्न 5 बजे से 7.30 प्रात तक होगा। इस बार नवरात्र मलाव्य योग, जो कि शुक्र से बनेगा, भद्र योग जो कि बुध से बनेगा, सस योग जो कि शनि से बनेगा ये तीन पंच महापुरुष योग विद्यमान होंगे। इनमें की गई साधना बहुत शुभ फल प्रदान करेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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