जिहाद को मानवता का कैंसर घोषित करे सनातन धर्मगुरु : नरसिंहानंद

- भयंकर हिंदू नरसंहार पर हिंदुओं का मौन अशुभ

- ...ऐसे ताे धरती से विलुप्त हो जाएगा हिंदू नाम का जीव

हरिद्वार, 07 अगस्त (हि.स.)। शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज बुधवार काे हरिद्वार पहुंचे। यहां उन्हाेंने माया देवी मंदिर में मां के दर्शन कर हिंदुओं को सद्बुद्धि व शक्ति देने के साथ निर्दोष हिंदुओं का जघन्य नरसंहार करने वाले जिहादियों का समूल विनाश करने की प्रार्थना की। उनके साथ विश्व धर्म संसद की मुख्य संयोजक डॉ. उदिता त्यागी व उनके शिष्य यति रामस्वरूपानंद, यति नित्यानंद, यति रणसिंहानंद, यति अभयानंद भी थे।

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने जूना अखाड़े के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेशपुरी महाराज, कोठारी थानापति श्रीमहंत महाकाल गिरी, श्रीमहंत सुरेशानंद सरस्वती, महंत हीरा भारती से भेंट कर उन्हें परिस्थितियों से अवगत कराया और बांग्लादेश में चल रहे भयंकर हिंदू नरसंहार पर गहरा दु:ख प्रकट करते हुए सनातन धर्मगुरुओं से जिहाद को मानवता का कैंसर घोषित करने का आह्वान किया।

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि इतने भयंकर हिंदू नरसंहार पर हिंदुओं का मौन बहुत ही अशुभ है। हिंदुओं ने अपने आप को भेड़-बकरी समझकर अपनी नियति से समझौता कर लिया है। साहसिक व समर्पित नेतृत्व के अभाव में हिंदुओं के मन में यह भावना बैठ गई है कि वो जिहादियों का मुकाबला कर ही नहीं सकते और धीरे-धीरे जिहादियों का शिकार बनना ही उनकी नियति हाे गई है। इसी भावना के कारण अब हिंदू समाज ने कोई भी गंभीर प्रतिरोध करना छोड़ दिया है। कुछ हिंदू सोशल मीडिया पर थोड़ा बहुत रूदन कर रहे हैं अन्यथा हिंदुओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों की चर्चा अब कहीं भी नहीं है। अगर कुछ समय और ऐसा चलता रहा तो हिंदू नाम का जीव धरती से विलुप्त हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिहादी केवल हिंदुओं का नरसंहार नहीं कर रहे हैं बल्कि जहां भी जिसने भी इन पर तरस खाकर शरण दी, वहीं पर उन लोगों को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। आज संपूर्ण मानवता और सभ्य समाज को जिहाद को धरती और मानवता का कैंसर घोषित करना चाहिए, ताकि हमारी आने वाली नस्ले इससे सावधान होकर अपने जीवित रहने का मार्ग खोज लें। जिहाद को संपूर्ण मानवता का कैंसर घोषित करने की पहल सनातन धर्मगुरुओं को करनी चाहिए, ताकि धर्म और घोर अधर्म की इस लड़ाई में हमारा भी योगदान सुनिश्चित हो।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला / कमलेश्वर शरण

   

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