शाम्भवी पीठाधीश्वर ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष को लिखा पत्र, बाेले- आदि शंकर की परंपरा की दिलाई याद

हरिद्वार, 06 अगस्त (हि.स.)। शांम्भवी पीठाधीश्वर व काली सेना प्रमुख स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविनद्र पुरी महाराज को पत्र भेजकर अखाड़ों की पुनः संरचना करने तथा उन्हें शास्त्र के साथ शस्त्र का ज्ञान देने की अपील की है।

पत्र में स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहा कि बीते रोज बांग्लादेश में हुई घटना को देखते हुए आने वाले समय में भारत भी इन परिस्थितियों का सामना कर सकता है। आदि शंकर की परंपरा में जब अखाड़े बने तो इसी धर्मयुद्ध के लिए बने थे। आज जब पुनः इस्लामिक खतरा भारत तथा विश्व के समस्त हिंदुओं पर या यूं कहूं कि गैर मुसलमानों पर आन पड़े हैं तब अखाड़े की भूमिका प्रासंगिक हो जाती है।

उन्होंने अनुरोध करते हुए कहा कि समस्त अखाड़ों की पुनः संरचना की जाए। उन्हें शास्त्र के साथ शस्त्र का भी प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे जब कभी सरकार अपना हाथ पीछे हटा ले और हिंदुओं की सुरक्षा में खड़ी ना हो तो यह अखाड़े उनकी सुरक्षा में ठीक वैसे ही खड़े हो जाएं जैसे वे हुमायूं, अकबर, औरंगजेब, अहमद शाह अब्दाली आदि आक्रांताओं से हिंदुओं की रक्षा के लिए खड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि यह दुःखद है कि आज के समय में अखाड़े बिल्कुल निष्प्रयोग्य हो गए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नेतृत्व में अखाड़े फिर से खड़े होंगे और हिंदुओं का संरक्षण करेंगे। उन्हाेंने कहा कि बांग्लादेश से उत्पन्न हुई परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गंभीरतापूर्वक विचार कर भारत में अखाड़ों को पुनः शास्त्र तथा शस्त्र से सुसज्जित करके हिंदू समाज में व्याप्त भय के वातावरण को ठीक करने की दिशा में कदम उठाएं। यदि जरूरत पड़े तो सभी नागा साधुओं के साथ बांग्लादेश प्रस्थान करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला / कमलेश्वर शरण

   

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