छत्तीसगढ़ और ओडिशा में ज्योति कलश यात्रा का आयोजन, महिला सशक्तिकरण पर जोर

हरिद्वार, 22 सितंबर (हि.स.)। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ की केबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या, और गायत्री विद्यापीठ की प्रमुख शेफाली पंड्या ने दीप प्रज्वलन कर कार्यशाला का उद्घाटन किया।

इस कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के 33 जिलों और ओडिशा के 30 जिलों के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इसका मुख्य उद्देश्य 1926 से प्रज्वलित दिव्य अखंड ज्योति के प्रकाश को प्रत्येक गांव तक पहुंचाना था। इस अवसर पर सात शक्ति कलश का पूजन भी किया गया।

मुख्य अतिथि लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के राष्ट्र निर्माण के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना है। उन्होंने महिलाओं और बच्चों में नैतिकता के विकास की आवश्यकता पर बल दिया। राजवाड़े ने ज्योति कलश यात्रा के माध्यम से समाज के सभी वर्गों में सकारात्मक विचार फैलाने का संकल्प लिया।

डॉ. चिन्मय पंड्या ने इस अवसर पर कहा कि यह समय अकल्पनीय सौभाग्य लेकर आया है और हमें इस कार्य में सहभागी बनना चाहिए। उन्होंने गायत्री परिवार को मत्स्यावतार का उदाहरण बताया और ज्योति कलश यात्रा को हर गांव तक ले जाने का आह्वान किया।

शेफाली पंड्या ने कहा कि नारी सशक्तिकरण से कई समस्याओं का समाधान होगा, और महिलाओं को अपने आत्मविश्वास को जगाना होगा।

कार्यक्रम के अंत में ओडिया और छत्तीसगढ़ी भाषा में प्रज्ञागीतों की विशेष प्रस्तुति हुई, और ज्योति कलश यात्रा की डॉक्यूमेंट्री का विमोचन किया गया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री को स्मृति चिह्न, गंगाजली, और युग साहित्य भेंटकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के अंत में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय से भव्य ज्योति कलश रैली की शुरुआत हुई, जो हरिपुर कलाँ होते हुए शांतिकुंज पहुंची। इस कार्यक्रम में शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरी और कई वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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