एक्ट में संशोधन के विरोध में सड़कों पर उतरे अधिवक्ता, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
- Admin Admin
- Feb 22, 2025

हरिद्वार, 22 फरवरी (हि.स.)। एडवोकेट एक्ट में संशोधन के विरोध में शनिवार को अधिवक्ताओं ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रपति के नाम ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा इसके साथ ही पूरे दिन कार्य बहिष्कार पर रहे।
रुड़की में अधिवक्ताओं ने एडवोकेट एक्ट में संशोधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार से इसे वापस लिए जाने की मांग की। रामनगर स्थित कोर्ट परिसर से जुलूस निकाला जो कि रामनगर कोर्ट परिसर से शुरू होकर आजाद नगर चौक, बीएसएम तिराहा, गणेशपुर पुल, गोल चौक होते तहसील पहुंचा। जहां ज्वाइंट मस्जिट्रेट आशीष कुमार मिश्रा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया, जिसमें उन्होंने एडवोकेट एक्ट 1961 मे संशोधन हेतु लाये गये अमेटमेण्ट बिल 2025 के प्रस्तावित प्राविधानों के अधिवक्ता एवं अधिवक्ताओं की मातृ संस्था स्टेट बार काउसिंल्स के अधिकारों के हनन का विरोध किया।
शनिवार को दिए ज्ञापन में कहा कि भारत सरकार द्वारा एडवोकेट एक्ट 1961 मे संशोधन हेतु लाये गये अमेटमेण्ट बिल 2025 के प्रस्तावित प्राविधानों के अधिवक्ता एवं अधिवक्ताओं की मातृ संस्था स्टेट बार काउसिंल्स के अधिकारो के हनन के विरोध में अधिवक्ताओं ने आपात कालीन सभा आहूत की गयी। अधिवक्ताओं के सुझाव लेने के उपरान्त बार एसोसिऐशन ने एडवोकेट एक्ट में प्रस्तावित संशोधनों का पुरजोर तरीके से विरोध किये जाने का निर्णय लिया। इसके अतिरिक्त विधि मन्त्रालय की ओर से जारी किये गये ई-मेल नम्बरो पर सभी अधिवक्तागण की ओर से विरोध में मैसेज कराये जाने के साथ-साथ शनिवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे। एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चौधरी लिल्लू सिंह और सचिव राजीव चौधरी ने कहा कि बार काउंसिल के आह्वान पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। कहा कि आवश्यकता हुई तो आगे भी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस अवसर पर बार कौंसिल उत्तराखंड सदस्य राव मुनफैत अली, एडवोकेट अतुल शर्मा, पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोमर, पूर्व सचिव अनित चौधरी, शिव कुमार सैनी, राव नावेद, नवीन जैन, नरोत्तम त्यागी, शीतल कालरा, संदीप यादव, श्रीगोपाल नारसन, राव बिलावर, मोहम्मद मुबशशीर, बिलाल अहमद, राव परवेज, फरमान त्यागी, विपीन पहलवान, सत्तो बर्मन, सीमा, खुशी, रवि जैन, मुरसलीन,रविन्द्र पाल वर्मा, मुदस्सीर आलम, अनुज चौहान, राव साजिद आदि शामिल रहे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला