विवाह पंजीकरण एडीसी-कम-डीसीआरआईओज जिला रजिस्ट्रार के रूप में करेंगे कार्य

चंडीगढ़, 5 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह की अध्यक्षता में साेमवार काे यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नागरिकों के लिए विवाह पंजीकरण को सरल बनाने के उद्देश्य से हरियाणा अनिवार्य विवाह पंजीकरण नियम, 2008 में संशोधन को स्वीकृति दे दी गई। नए संशोधनों के तहत, अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी)-सह-जिला नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी (डीसीआरआईओ) अब विवाह पंजीकरण के लिए जिला रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेंगे। ये जिला रजिस्ट्रार अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर सभी रजिस्ट्रार कार्यालयों को नियंत्रित रखेंगे।

इससे आवेदनों का सुचारू और तेज प्रसंस्करण सुनिश्चित होगा। इन बदलावों में नागरिकों की शिकायतों को अधिक प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए एक अच्छी तरह से परिभाषित अपील प्रक्रिया भी शामिल की गई है। अब सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम, संयुक्त आयुक्त, डीएमसी, नगर निगमों में कार्यकारी अधिकारी, बीडीपीओ और ग्राम सचिवों को भी कुछ शर्तों के साथ अपने अधिकार क्षेत्र में विवाह पंजीकरण करने की शक्ति दी गई है ताकि स्थानीय स्तर पर विवाह पंजीकरण किया जा सके।

विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को अब ऑनलाइन नियंत्रित किया जाएगा, जिससे नागरिकों के लिए काफी सरल और सुव्यवस्थित हो जाएगा। सीआरआईडी के विकसित एक समर्पित विवाह पंजीकरण पोर्टल के माध्यम से सभी विवाह पंजीकरण रिकॉर्ड को डिजिटल किया जाएगा। आवेदनों को मैन्युअल रूप से जमा करने की प्रक्रिया बंद कर दी जाएगी। ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली में बदलाव से नागरिकों के लिए प्रक्रिया अधिक कुशल हो जाएगी, जिससे कागजी कार्रवाई और व्यक्तिगत रूप से मिलने की आवश्यकता कम हो जाएगी। ऑनलाइन पोर्टल और डिजिटाइज्ड रिकॉर्ड से नागरिकों के लिए अपने पंजीकरण की स्थिति तक पहुँच और उसे ट्रैक करना आसान हो जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा / सुनील कुमार सक्सैना

   

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