जींद : एकादशी के दिन ही विश्व की सबसे महान पुस्तक श्रीमद् भागवत गीता का हुआ जन्म : देवेंद्र अत्री

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उचाना विधायक देवेंद्र अत्री।

जींद, 1 दिसंबर (हि.स.)। उचाना के विधायक देवेंद्र चतुर्भुज अत्री ने कहा कि हमारा अधिकार केवल कर्म पर है। फल देने का अधिकार परमात्मा का है और वह भी हमारे कर्मों पर आधारित होता है। आज के प्रतिस्पर्धी वातावरण में अक्सर यह संदेश दिया जाता है कि अपना सर्वश्रेष्ठ दो और जब व्यक्ति पूरे समर्पण के साथ प्रयत्न करता है तो संपूर्ण ब्रह्मांड उसकी सहायता में खड़ा हो जाता है।

उचाना विधायक सोमवार को तीसरे दिन स्थानीय रंगशाला में आयोजित गीता महोत्सव में बतौर मुख्यअतिथि बोल रहे थे। विधायक ने दीवान बालकृष्ण रंगशाला में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ रिबन काटकर किया। उन्होंने गीता जयंती महोत्सव के शुभ अवसर पर उपस्थित आगंतुकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि आज मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी का दिन है और आज विश्व की सबसे महान पुस्तक श्रीमद् भागवत गीता का जन्मदिन है। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव कोई आम उत्सव या त्यौहार नहीं बल्कि पूरे जीवन का सार हमारी पुस्तक भारत की आत्मा गीता का दिन है। कोर्ट, कचहरी में जहां न्याय का मंदिर है वहां रखी हमारी पुस्तक गीता प्रत्येक व्यक्ति के अंदर जीवन के वास्तविक मूल्य को याद करके अपनी गलतियां और प्रायश्चित को साथ लेकर आत्मा को जगाने का काम करती है। कर्म के सिद्धांत का वास्तविक प्रतिपादन गीता करती है।

विधायक ने कहा यह किसी प्रकार का उपदेश नही बल्कि उनके जीवन का अनुभव है कि कर्मनिष्ठ भाव से कार्य करने पर फल स्वयं अनुकूल होता जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में भी कुरुक्षेत्र में मनाई जा रही गीता महोत्सव की सराहना की है। हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में लगभग 205 करोड़ रुपये की लागत से बने अनुभव केंद्र का उद्घाटन किया है। मंच का संचालन कलाकार रमेश भनवाला ने किया। जिन्होंने अपनी मंच कला से सबका मन मोहा। वहीं विभिन्न शिक्षण संस्थानों के युवा कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का ऐसा प्रदर्शन किया कि सभागार देर तक तालियों से गूंजता रहा।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा

   

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