पेटेंटः चिकित्सा डेटा सुरक्षा और खाद्य गुणवत्ता जांच पर नवाचार

हमीरपुर, 09 अप्रैल (हि.स.)। अब ब्लॉकचेन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मरीजों के स्वास्थ्य की व्यक्तिगत जानकारी पूरी तरह सुरक्षित और गोपनीय रखी जा सकती है। हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान ऊना के तीन प्राध्यापकों ने संयुक्त रूप से दो पेटेंट को मान्यता मिली है। भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय की ओर से दोनों पेटेंट को औपचारिक मान्यता प्राप्त हुई है।

पहला पेटेंट चिकित्सा डेटा सुरक्षा और दूसरा खाद्य गुणवत्ता जांच में एआई और ब्लॉकचेन आधारित नवाचार से संबंधित है। दोनों अत्याधुनिक पेटेंट हैं, जो चिकित्सा डेटा की सुरक्षा और खाद्य गुणवत्ता मूल्यांकन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं। इन नवाचारों में ब्लॉकचेन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी उन्नत तकनीकों का प्रयोग किया गया है।

पहला पेटेंट ब्लॉकचेन और एआई आधारित मेडिकल डेटा सुरक्षा डिवाइस के लिए प्रदान किया गया है। यह डिवाइस मरीजों की व्यक्तिगत स्वास्थ्य जानकारी को पूरी सुरक्षा और गोपनीयता के साथ संरक्षित रखने की क्षमता रखता है, जबकि दूसरा पेटेंट एआई-संचालित खाद्य गुणवत्ता मूल्यांकन डिवाइस के लिए दिया गया है, जो खाद्य उत्पादों की ताजगी और गुणवत्ता का त्वरित, विश्वसनीय और वैज्ञानिक मूल्यांकन करता है। इन दोनों नवाचारों को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान ऊना के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के सहायक आचार्य दिव्यांश ठाकुर तथा हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग की प्राध्यापक अनामिका रांगडा और आकांक्षा पुरी के संयुक्त अनुसंधान प्रयासों से विकसित किया गया है। यह उपलब्धि हिमाचल प्रदेश के तकनीकी संस्थानों की नवाचार क्षमता को दर्शाती है और राज्य को राष्ट्रीय व वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करती है।

भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा इन दोनों आविष्कारों को औपचारिक मान्यता प्रदान की गई है, जो हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। वहीं, तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शशि कुमार धीमान, अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो जय देव ने इस उपलब्धि के लिए सभी प्राध्यापकों को बधाई दी।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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