चिरांग सहकारी सम्मेलन: कृषि प्रथाओं के विविधीकरण की दिशा में एक कदम

चिरांग (असम), 08 अक्टूबर (हि.स.)। सहकारिता विभाग, बोड़ोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) ने आज चिरांग डीईएफ परेड ग्राउंड स्थित जिला आयुक्त कार्यालय में चिरांग सहकारी सम्मेलन का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य सहकारी समाज के भीतर कृषि प्रथाओं का विविधीकरण करना है।

इस कार्यक्रम के दौरान, राज्यसभा सांसद रंगौरा नार्जारी ने बीटीसी के सीईएम प्रमोद बोडो के नेतृत्व में सहकारिता विभाग की सराहना की, जिसने स्थानीय समाज के साथ मजबूत संबंध स्थापित किए हैं। उन्होंने समुदायों को एकजुट करने और आर्थिक उन्नति को बढ़ावा देने में विभाग की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने सहकारी समाज से आग्रह किया कि वे क्षेत्र की अनछुई संभावनाओं का लाभ उठाकर प्रगति को गति दें।

चिरांग जिला आयुक्त जितिन बोरा ने सहकारिता विभाग द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और क्षेत्र में कृषि ढांचे को मजबूत करने के लिए किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों को मान्यता दी।

पद्मश्री पुरस्कार विजेता सर्वेश्वर बसुमतारी ने कृषि में अपने व्यापक अनुभव को साझा किया, जिसमें उन्होंने चल रहे परियोजनाओं और भविष्य की योजनाओं का वर्णन किया, जो स्थानीय आर्थिक विकास को व्यवस्थित प्रथाओं के माध्यम से बढ़ावा देने के लिए डिजाइन की गई हैं। उन्होंने बहु-वापसी फसल, अंतर-फसल और वृक्षारोपण में अपने अनुभव को साझा किया, जो जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में बागवानी और रेशम उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है।

प्रसिद्ध विशेषज्ञों, जैसे कि डॉ. राजीव भंडार कायस्थ (विषय वस्तु विशेषज्ञ, केवीके चिरांग, पशुपालन), अकबर अली अहमद (बागवानी विशेषज्ञ और सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार विजेता) और रूलन हजारिका (उपाध्यक्ष, असम मोती विकास सहकारी समाज) ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की और अपने अनुभव साझा किए, जिससे कृषि विकास पर चर्चा को और समृद्ध किया गया।

सम्मेलन में कृषि समुदाय के लाभ के लिए एक उत्पादक इंटरैक्टिव सत्र शामिल था। इसमें 300 से अधिक शेयरधारकों और समुदाय के सदस्यों की उत्साही भागीदारी देखी गई। इसके अलावा, एक प्रदर्शनी में महिलाओं द्वारा संचालित सहकारी समाज के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया, जो स्थानीय महिलाओं की उद्यमिता की भावना को उजागर करता है।

कार्यक्रम का समापन जयंत खेरकटारी, सहकारिता विभाग के परिषद प्रमुख द्वारा एक आगामी आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की घोषणा के साथ हुआ, जो चिरांग में बकरी पालन और सूअर पालन पर केंद्रित होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / किशोर मिश्रा

   

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